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Chidambaram in judicial custody till 19 September will go to Tihar Jail - Sabguru News
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INX मीडिया केस: चिदम्बरम 19 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में, तिहाड़ जेल जाएंगे

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INX मीडिया केस: चिदम्बरम 19 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में, तिहाड़ जेल जाएंगे
priyanka and rahul gandhi supports p chidambaram in inx case
 Chidambaram in judicial custody till 19 September, will go to Tihar Jail
INX Media case: Chidambaram will go to Tihar Jail, in judicial custody till 19 September

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम को केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मामले में गुरुवार को 19 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।

आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार और धनशोधन मामले में चिदम्बरम 22 अगस्त से सीबीआई हिरासत में थे। आज हिरासत की अवधि खत्म होने पर अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री के वकील कपिल सिब्बल की उस दलील को अस्वीकार कर दिया जिसमें चिदम्बरम को न्यायिक हिरासत में नहीं भेजने का आग्रह किया गया था।

पूर्व वित्त मंत्री इस मामले में अब 14 दिन जेल में गुजारेंगे। उन्हें तिहाड़ जेल भेजा जाएगा। उन्हें 21 अगस्त की रात को सीबीआई ने यहां उनके निवास से गिरफ्तार किया था।

चिदम्बरम को आज सीबीआई की हिरासत खत्म होने पर राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया। सिब्बल ने अदालत से अनुरोध किया कि उनके मुवक्किल प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष आत्मसर्पण के लिए तैयार हैं और उन्हें न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाना चाहिए।

उन्होंने चिदम्बरम की न्यायिक हिरासत का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल पर जांच को प्रभावित करने अथवा उसमें किसी प्रकार की बाधा पहुंचाने का कोई आरोप नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में ईडी की हिरासत में जाने के लिए तैयार हैं।

इससे पहले पूर्व मंत्री को उच्चतम न्यायालय से झटका लगा था। शीर्ष न्यायालय ने आज ही उनकी प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।

चिदंबरम पर यह मामला प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज हुआ है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 20 अगस्त को उनकी अपील खारिज कर दी थी और इसके बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय में इस फैसले को चुनौती दी थी।

शीर्ष अदालत में न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायामूर्ति एएस बोपन्ना की खंडपीठ ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि अग्रिम जमानत देने के लिए यह उचित मामला नहीं है। इस समय अग्रिम जमानत देने से जांच प्रभावित हो सकती है।

न्यायालय ने 29 अगस्त को इस मामले पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। खंडपीठ ने कहा कि जांच एजेंसी को मामले की छानबीन करने के लिए पर्याप्त स्वंत्रतता दी जानी चाहिए।

खंडपीठ ने आदेश में कहा कि अग्रिम जमानत को किसी को उसके अधिकार के तौर पर दिया जा सकता है लेकिन यह मामले पर निर्भर करता है।

न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की केस डायरी को हमने देखा है और हम जांच एजेंसी के इस दावे से सहमत हैं कि मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर हिरासत में पूछताछ करनी जरूरी है। निदेशालय की उस बात से हम सहमत है कि धन शोधन का पर्दाफाश करना जरुरी है।