शिवगंगा । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के राफेल करार को लेकर किये गये दावों को खारिज करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को केंद्र सरकार से राफेल करार को 126 से 36 लड़ाकू विमानों तक सीमित किये जाने पीछे के कारण को स्पष्ट करने को कहा।
केंद्र सरकार ने दावा है कि वर्तमान सरकार ने कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सप्रंग) सरकार की तुलना में फ्रांस के साथ वार्ता करके राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद नौ फीसदी सस्ती की है। चिदंबरम ने तमिलनाडु के शिवगंगा जिले के कराईकुड़ी में पत्रकारों से कहा,“ केंद्र सरकार राफेल विमानाें के करार को 126 से 36 लड़ाकू विमानों तक सीमित किये जाने पीछे के कारण को स्पष्ट करे। जब किसी वस्तु की कीमत कम होती है तो हम कम कीमत का लाभ उठाने के लिए उसे अधिक मात्रा में खरीदते हैं। यह अंकगणित एकदम सरल है।”
राजग सरकार से 126 के स्थान पर 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने पर स्पष्टीकरण देने की मांग करते हुए श्री चिदंबरम ने कहा कि इस बात को लेकर शक होता है कि केंद्र सरकार ने राफेल करार को लेकर देश की हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएल) की अनदेखी की। चिदंबरम ने आरोप लगाया कि राफेल करार में कुछ गड़बड़ घोटाला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार यदि संप्रग-2 सरकार के सहमति से नौ प्रतिशत कम पर लड़ाकू विमानों की खरीद कर रही है तो फिर इनकी संख्या को 36 पर सीमित क्यों किया गया।
उन्होंने कहा कि राजग सरकार के चार वर्ष और चार महीने के कार्यकाल में देश के तीन रक्षा मंत्री हुए हैं, इनमें से किसी ने भी कोई योग्यतापूर्ण कार्य नहीं किया। उन्होंने कहा, “ उनकी एकमात्र उपलब्धि यह रही कि उन्होंने 126 के स्थान पर 36 लड़ाकू विमान खरीदने का समझौता रहा जबकि भारतीय वायुसेना की सभी सात टुकड़ियों को 18-18 लड़ाकू विमानों की आवश्यकता थी। इस खरीद से महज दो टुकड़ियों की ही आवश्यकता पूरी हो सकेगी।” चिदंबरम ने सवाल उठाया, “ सरकार द्वारा वायुसेना की महज दो टुकड़ियों के लिए लड़ाकू विमान खरीदने से क्या आपको शक नहीं होता जबकि हमें अधिक लड़ाकू विमानों की आवश्यकता थी।”