शिलांग। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नागरिकता (संशोधन) कानून, 2019 के पारित होने के विरोध में सार्वजनिक अशांति को देखते हुए राज्य में इनर लाइन परमिट (आईएलपी) को लागू करने का आग्रह किया है।
राज्य में हिंसा भड़कने के बाद शिलांग शहर के एक हिस्से में कर्फ्यू लागू है। अफवाहों पर रोकने के लिए राज्य भर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं स्थगित हैं।
संगमा अपने कैबिनेट मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष मेटबाह लिंगदोह और सत्तारूढ़ मेघालय डेमोक्रेटिक गठबंधन के नेताओं के साथ शुक्रवार की रात नई दिल्ली मेें शाह से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “गृह मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को गंभीरता से लिया और जल्द से जल्द इन मामलों पर कार्रवाई करने की सहमती जतायी।”
इसके अलावा, राज्य सरकार ने राज्य में आईएलपी को लागू करने के लिए एक सरकारी प्रस्ताव लाने के लिए राज्य विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का भी निर्णय लिया है।
प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री को संसद के दोनों सदनों में नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के पारित होने के बाद असम में कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब होने के बाद पूरे राज्य में आवश्यक वस्तुओं की कमी की समस्या से भी अवगत कराया।
मेघालय सामाजिक संगठनों के महासंघ के सदस्यों ने कैब के विरोध में और राज्य में आईएलपी को लागू करने की मांग को लेकर शुक्रवार को यहां राजभवन तक विरोध मार्च निकाला जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। राजभवन के प्रवेश के पास से प्रदर्शनकारियों के नहीं हटने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस के साथ झड़प में महिलाओं सहित कुल 63 लोगों को गंभीर चोटें आईं। कुछ घायलों को शिलांग के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
खासी छात्र संघ, खासी महासंघ, जयंतिया और गारो पीपुल्स, हाइनेविट्रेप नेशनल यूथ फ्रंट और री-भोई यूथ फेडरेशन जैसे चार प्रमुख संगठनों ने राज्य सरकार से राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने और 19 दिसंबर को या उससे पहले राज्य में आईएलपी को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह करने का संकल्प पारित करने की मांग की है।