नैनीताल। यौन शोषण के प्रकरण के बाद देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टि बाधित जैसे महत्वपूर्ण संस्थान (NIVH) में एक अबोध बच्चे के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है।
दुष्कर्म का आरोप संस्थान में पढ़ने वाले दूसरे छात्र पर लगा है। मामला दर्ज कर लिया गया है। इसबीच उच्च न्यायालय ने संस्थान के अंदर स्थित मस्जिद में बाहरी लोगों के नजाम पढ़ने संबंधी प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है।
NIVH संबंधी मामले की सुनवाई शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में हुई। न्यायमित्र अधिवक्ता ललित बेलवाल ने बताया कि एनआईवीएच की ओर से आज उच्च न्यायालय में दुष्कर्म प्रकरण के संबंध में जानकारी दी गई। संस्थान की ओर से पेश शपथपत्र में कहा गया है कि कक्षा पांच के छात्र के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है और आरोप संस्थान के ही कक्षा 11 के छात्र पर लगाया गया है।
दुष्कर्म की घटना दो सितंबर को प्रकाश में आई है और 11 सितम्बर को इस मामले में संबद्ध पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। इसके अलावा आज अदालत ने मस्जिद के इमाम के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया गया है। मस्जिद के इमाम की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र में परिसर से बाहरी लोगों को नमाज पढ़ने की अनुमति देने की मांग की गई थी।
बेेलवाल ने बताया कि संस्थान व उनकी ओर से प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया। कहा गया कि बाहरी लोगों को अनुमति देने से परिसर की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। इसके बाद कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।
इसके अलावा संस्थान की ओर से आज अदालत को बताया गया कि संस्थान जूनियर व सीनियर छात्रों की आवासीय व्यवस्था में बदलाव कर रहा है। सुरक्षा की खातिर दोनों हाॅस्टलों को पृथक किया जा रहा है। इसके बाद अदालत ने इस मामले को सुनवाई के लिए तीन सप्ताह के बाद नियत कर दिया।
उल्लेखनीय है कि देहरादून स्थित NIVH संस्थान पिछले साल तब चर्चाओं में आया था जब संस्थान की कुछ छात्रों ने अपने ही संगीत शिक्षक पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित होने के बाद उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस प्रकरण में जनहित याचिका दायर कर ली।
इसके बाद अदालत ने संगीत शिक्षक के खिलाफ कार्यवाही करने के अलावा संस्थान में स्थायी निदेशक की नियुक्ति करने और सीसीटीवी लगाने के निर्देश भी दिए थे। इसके बाद दुष्कर्म का यह मामला सामने आया है।