सबगुरु न्यूज। केंद्र सरकार के चीन के प्रति आक्रामक रवैया अपनाने के बाद चालबाज चीन पाकिस्तान, नेपाल के बाद अब बांग्लादेश और भूटान को भारत के खिलाफ भड़काने में लगा हुआ है। पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध तो आजादी के बाद से ही बिगड़ने शुरू हो गए थे, जो अभी तक जारी है लेकिन नेपाल और भारत की वर्षों पुरानी दोस्ती पर चीन की ऐसी नजर लगी कि अब दोनों देश एक दूसरे के खिलाफ पिछले कई दिनों से बयानबाजी करने पर उतर आए हैं।
यह पूरा भारत जानता है कि नेपाल भारत के खिलाफ जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहा है यह उसकी नहीं बल्कि चीन की। भारत के साथ हिंसक झड़प के बीच अब चीन ने एक नई चाल चली है। इसमें वह उन पड़ोसी देशों को अपनी तरफ मिलाने की कोशिश में जुट गया है जो अब तक भारत के अच्छे दोस्त हैं। अब भूटान, बांग्लादेश पर उसकी नजर है। दुनिया में बांग्लादेश भूटान ऐसे देश है जो सबसे गरीब है, इसी का चीन फायदा उठाने में लगा हुआ है। भारत के तनाव के बीच चीन ने भूटान और बांग्लादेश को आर्थिक फायदा पहुंचाने में देर नहीं लगाई है।
इससे भारत की टेंशन भी बढ़ गई है क्योंकि बांग्लादेश अब तक भारत का करीबी रहा है, लेकिन पिछले कुछ मई महीनों से नागरिकता कानून, एनआरसी को लेकर दोनों के बीच दूरियां बढ़ गई हैं। चीन यह भली-भांति जानता है कि अगर उसने पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और भूटान को अपने कब्जे में ले लिया तो वह भारत को आसानी से घेर सकेगा, इन देशों की सीमाएं भारत से मिली हुई हैं । चीन यहां से इन भारत विरोधी गतिविधियों को संचालित भी कर सकता है। आपको बता दें कि चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के बल पर दुनिया में अपना दबदबा कायम करना चाहता है। शुरू से ही चीन की विचारधारा दूसरे देशों की जमीन पर कब्जा करने की रही है, वही वह भारत और अन्य देशों के साथ भी करता आया है।
चीन को लेकर भारत को अन्य देशों से मिल रहे समर्थन पर चीन बौखलाया हुआ है
चीन के तनावपूर्ण माहौल के बीच भारत को अमेरिका और यूरोप के अन्य देशों के साथ मिल रहे समर्थन से चीन इस कदर बौखलाया हुआ है कि उसने भी अब भारत को पड़ोसी देशों के बल पर घेरना शुरू कर दिया है। चीन उन देशों को अपने समर्थन में ले रहा है जिसके साथ भारत की खटास चल रही और उनकी आर्थिक हालत खस्ता है। भारत के खिलाफ उकसाने के लिए चीन पहले इन देशों को लालच देता है फिर उसके बाद उन्हें अपने जाल में फंसा लेता है। सीने पहले पाकिस्तान नेपाल श्रीलंका को भारी लोन पर भी रुपए दिए हुए हैं।
आप चीन ने बांग्लादेश और भूटान को व्यापार को लेकर भारी लालच दिया हुआ है। चीन ने इन दोनों देशों के व्यापार के लिए टैरिफ पर भारी छूट दे दी है। कोरोना महामारी के बाद बांग्लादेश और भूटान की हालत खस्ता चल रही है ऐसे में यह दोनों देश चीन की ओर निगाहें लगाए बैठे हैं। अभी कुछ दिनों पहले बांग्लादेश ने खुद कहा था कि वह कम विकसित देश है इसलिए उसे कुछ रियायत मिलनी चाहिए। भारत से बिगड़ते रिश्तों के बीच चीन इस पर राजी हो गया है। फिलहाल एशिया पसेफिक ट्रेड अग्रीमेंट के तहत दोनों देशों के बीच 3,095 सामानों पर ट्रैरिफ फ्री व्यापार होता है। अब बाकी सामान इसी लिस्ट में जुड़ जाएगा।
चीन के लालच के बाद भारत को भी अपने पड़ोसियों को साधने की होगी चुनौती
कोई भी राष्ट्र तभी खुश रह सकता है जब उसके पड़ोसी देशों से संबंध बेहतर हो। यहां हम आपको बता रहे हैं कि विश्व में कई देश ऐसे हैं जो अपने पड़ोसी राष्ट्र वर्षों से परेशान चले आ रहे हैं। सबसे पहले हम बात करेंगे दक्षिण और उत्तर कोरिया की। इन दोनों देशों मतभेद अभी तक खत्म नहीं हो सके हैं दोनों एक दूसरे पर हमला करना और सीमा विवाद को लेकर आए दिन आमने-सामने होते रहते हैं। ऐसे ही इजराइल और फिलीपींस के बीच वर्षों से चला आ रहा मतभेद आज भी जारी है। दोनों देश अपने मसले को कई बार अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर भी उठा चुके हैं लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। ऐसे ही अमेरिका और कनाडा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड, रूस और क्रीमिया के बीच मतभेद बने रहते हैं। जापान, ताइवान, हांगकांग और मकाउ चीन से भी पिछले कई वर्षों से दबाव में बने हुए हैं। भारत भी पाकिस्तान से अभी तक जम्मू-कश्मीर का मसला नहीं सुलझा पाया है।
आए दिन दोनों देशों की सीमा पर हिंसक झड़प और बयानबाजी देखने को मिल जाती है। अभी तक नेपाल, बांग्लादेश, भूटान के साथ भारत के बहुत अच्छे संबंध माने जाते हैं लेकिन चीन इनको बिगाड़ने में लगा हुआ है। भारत के लिए यह बात थोड़ी चिंताजनक तो है, क्योंकि अब तक बांग्लादेश भारत के ज्यादा करीब रहा है। लेकिन दोनों के बीच पिछले दिनों संशोधित नागरिकता कानून, एनआरसी को लेकर मनमुटाव पैदा हुआ था। लद्दाख में विवाद के बीच नेपाल ने अपने यहां विवादित नक्शे वाला बिल पास किया है। इसमें उसने भारत के इलाकों लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को अपना बताया है, इस पर दोनों के बीच तनाव है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार