जयपुर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केन्द्र की मोदी सरकार पर चीन सीमा मामले में अनदेखी करने एवं रणनीतिक रुप से काम नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है लेकिन सरकार सोई हुई हैं और इसे छिपा रही है।
कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा के आज 100 दिन पूरे होने के अवसर पर राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में यह बात कही। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुझे जो दिख रहा है कि जो चीन का थ्रेट हैं, मैं दो-तीन सालो से कहा रहा हूं और स्पष्ट है कि सरकार उसे छुपाने की कोशिश कर रही है। सरकार चीन की इस थ्रेट को अनदेखी कर रही है लेकिन इसे न छिपाया जा सकता है और न नहीं इसे अनदेखा किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि चीन की पूरी तैयारी लद्दाख एवं अरुणाचल प्रदेश की तरफ है और तैयारी युद्ध की है। लेकिन सरकार सोई हुई हैं और वह सुनना नहीं चाहती है। उन्होंने कहा कि चीन की तैयारी युद्ध की चल रही है। अगर कोई इन बातों को समझता हैं, उनके हथियार का पैटर्न देखे तो वह क्या कर रहे वहां पर, युद्ध की तैयारी कर रहे हैं और केन्द्र सरकार इस बात को छिपाती है और इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही है।
राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान की सरकार इवेंट बेस काम करती है और रणनीतिक रुप से काम नहीं करती है, जहां इंटरनेशनल रिलेशनशीप की बात आती है वहां इवेंट काम नहीं आते, वहां ताकत काम आती है। उन्होंने कहा कि सावधान रहना चाहिए और समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री के बयान आते रहते हैं, उन्हें अपनी समझ गहरी करने की जरूरत है।
भारत जोड़ो यात्रा में महसूस किया है दर्द
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान वह रास्ते में असंख्य लोगों से मिले हैं और इस दौरान उन्होंने लोगों का दर्द सुना है और इस दुरुह यात्रा में हुए दर्द को महसूस भी किया है।
गांधी ने कहा कि वह रास्ते में हजारों-लाखों लोगों से मिले हैं और इस दौरान जो लोग उनसे मिलने आये उन्होंने उनकी पीड़ा को सुना है लेकिन जो उनसे मिलने आने वाले लोगों को देखकर उन्होंने महसूस किया कि इन लोगों ने भारत जोड़ो यात्रा में पैदल चलने के उनके दर्द को महसूस किया है।
उन्होंने कहा कि यात्रा से मुझे बहुत फायदा हुआ है। यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है। सड़क पर चलने से जो दिखता है वह अलग होता है। सड़क पर पैदल चलने से जो थकान होती है वह दर्द देती है। हम सड़क पर चलते हुए लाखों लोगों से मिलते हैं। सड़क पर चलते हुए जब किसान से मिलते हैं तो वह समझ लेता है कि यह जो व्यक्ति आया है वह दर्द सह कर आया है। फालतू में नहीं आया है। चलकर आया है और एक तरह का बोझ उठाकर आया है। वह इस बात को दिमाग से नहीं, दिल से बोलता है। हिंदुस्तान का आदमी जब दिल से बोलता है तो एकदम अलग बात होती है और वह सीखने वाली बात होती है।
गांधी ने कहा कि इस यात्रा से वह जमीन पर लोगों से मिले हैं और जनता से जुड़कर लोगों से उनकी दूरी कम हुई है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पहले 70-80 साल पहले हमारी जो राजनीति होती थी, आजाद के आंदोलन के दौरान की राजनीति, वह जनता के बीच से होती थी लेकिन आज की राजनीति में जनता और नेता के बीच दूरी है और यह अहंकार के कारण हो सकता है। मुझे लगा कि इस दूरी को महसूस किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह दर्द की दूरी है और इस दूरी को दर्द से ही समझा जा सकता है। इस यात्रा में जनता का बहुत प्यार मिला है और उस प्यार को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। हिंदुस्तान के आदमी के भीतर के ज्ञान को व्यक्त नहीं किया जा सकता है। जो आम आदमी खून पसीना बहाता है उसका प्यार असाधारण होता है और उसका कोई मुकाबला नहीं होता है।