अरुणाचल प्रदेश। चीन में पिछले कई दिनों से कोरोनावायरस को लेकर भारी तबाही मची हुई है। लेकिन हमारा पड़ोसी चीन एक ऐसा धूर्त देश है कि अपनी साम्राज्यवादी और हड़प नीति को लेकर हमेशा चालाकी दिखाता रहता है। इस बार चीन ने गृहमंत्री अमित शाह के अरुणाचल प्रदेश दौरे को लेकर जबरदस्त विरोध जताया है।
यहां हम आपको बता दें कि चीन भारत के अरुणाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्से पर अपना हक जताता रहा है। अरुणाचल प्रदेश ही नहीं भारत के कई राज्यों जैसे उत्तराखंड, लेह लद्दाख, आदि पर भी वह कई बार अपना विरोध दर्ज करा चुका है। हालांकि मोदी सरकार ने चीन को मुंहतोड़ जवाब भी दिया है ।
अमित शाह के अरुणाचल प्रदेश पहुंचने पर चीन को इसलिए हुई परेशानी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में पहुंचे। गृह मंत्री के इस दौरे से पड़ोसी मुल्क चीन को दिक्कत हुई है और चीन ने इसका विरोध किया है। चीन लगातार अरुणाचल प्रदेश पर अपना हक जताता रहा है लेकिन भारत ने हर बार उसके दावे को नकारा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अमित शाह की इस यात्रा पर बयान दिया और कहा कि वह इसका विरोध करते हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है और ऐसे में जबतक इसका हल नहीं निकल जाता, तो राजनीतिक यात्राओं से बचना चाहिए।
अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत और चीन की कई बार हुई है तनातनी
यह कोई पहला मौका नहीं है जब हम अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन और भारत की विरोध यात्रा तनी हुई हो, इससे पहले भी कई बार भारत और चीन की सेना के बीच अरुणाचल प्रदेश के एक हिस्से को लेकर कई बार तनातनी हो चुकी है। आज अरुणाचल प्रदेश का पूर्ण राज्य दिवस है, 20 फरवरी को ही अरुणाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा मिला था। इसी अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ईटानगर पहुंचे हैं और यहां पर जश्न में शामिल हुए।
अमित शाह से पहले भी कई नेताओं की यात्रा पर चीन की ओर से सवाल खड़े किए जा चुके हैं। प्रवक्ता ने कहा कि चीनी सरकार ने कभी भी इसे ‘अरुणाचल प्रदेश’ नहीं माना है। भारतीय नेताओं को उस स्थान पर जाने से बचना चाहिए। अरुणाचल प्रदेश बल्कि चीन से सटे कई अन्य इलाकों में भी वहां की सेना घुसपैठ करती आई है। यहां हम आपको बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में यदि कोई केंद्रीय मंत्री जाता है तो चीन को बहुत ही अखरता है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार