शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की पीड़ित विधि की छात्रा ने यौन शोषण के मामले में पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्यमानंद की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह इससे संतुष्ट नहीं है।
पीड़ित छात्रा का आरोप है कि विशेष जांच दल ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ जो रिपोर्ट दर्ज की है उसमें बलात्कार की धारा 376 नहीं लगाकर 376 सी लगाई है जबकि उसने एसआईटी को सबूत के तौर पर पैन ड्राइव सौंपी थी उसके आधार पर उन्हें बलात्कार की धारा लगानी चाहिए थी। छात्रा का कहना है कि एसआईटी ने जिन धाराओं में मामला दर्ज किया उसमें जल्द जमानत के प्रावधान और सजा भी कम है।
छात्रा का कहना है कि एसआईटी ने उनके खिलाफ रंगदारी का मुकदमा दर्ज करके उनके मामले को कमजोर करने का काम किया है। वह अपनी जान बचाने के लिए राजस्थान गई थी। जिन तीन लोगों को रंगदारी के मामले में गिरफ्तार किया पता नहीं एसआईटी ने उनसे दबाव में क्या कहलवाया है वह उसे पता नहीं है।
रंगदारी मामले में उसका कोई लेनादेना नहीं है। पीड़िता ने स्वामी चिन्मयानंद को बचाने और उसे फंसाने का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि स्वामी पर धारा 376 लगानी चाहिए क्योंकि उसने अपना गुनाह स्वीकार किया है। पता नहीं जांच टीम किस दबाव में है।
यौन शोषण के आरोप में आज पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी चिन्मयानंद ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया जबकि स्वामी के वकील द्वारा दर्ज कराए गए पांच करोड़ की रंगदारी के आरोप में तीन और लोग गिरफ्तार किए गए हैं जिनमें दो पीडिता के रिश्तेदार हैं।
सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर पूरे मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख् और पुलिस महानिरीक्षक (लोकशिकायत) नवीन अरोड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि स्वामी चिन्मयानंद ने बलात्कार के अलावा सभी आरोप स्वीकार कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि छात्रा से फोन पर गंदी बात करने और उससे शरीर पर मालिश कराने की बात स्वामी ने कबूल कर ली जबकि बलात्कार के बारे में पूछे जाने पर चुप्पी साध ली।
एसआईटी प्रमुख ने कहा कि स्वामी ने छात्रा से 200 बार फोन पर बात की जिसका रिकार्ड मौजूद है। उन्होंने कहा चिन्मयानंद से जबरन उगाही के मामले में जिने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है उन लोगों ने 4200 बार फोन बात की थी।
दूसरी ओर पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि एसआईटी सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर काम कर रही थी। उनके काम में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं था। उन्होंने कहा कि जिसतरह लड़की का वीडियो वायरल हुआ था उसी तरह जबरन उगाही का भी वीडियो वायरल सामने आया। वायरल वीडियों में पीड़िता और उसके दोस्त संजय ने स्वामी से पांच करोड़ रूपए मांगे थे। उन्होंने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है।
स्वामी चिन्मयानंद को आज सुबह उनके मुमुक्ष आश्रम के आवास से गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ओमवीर सिंह की अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जांच एजेंसी के अधिकारी उन्हें जेल तक ले के आए।
वक्त का मिजाज कब बदल जाए
वक्त का मिजाज कब बदल जाए पता नहीं चलाता। एक समय ऐसा था जब गृह राज्य मंत्री बने स्वामी चिन्मानंद की सुरक्षा में पुलिस उनके आगे पीछे रहती थी, लेकिन आज नजारा बदल गया और पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर अदालत से जेल लेकर जा रही थी। दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने चिन्मयानंद की देर से गिरफ्तारी पर सवाल उठाए और कहा कि भाजपा में ही ऐसा होता है।
इस तरह उजागर हुआ मामला
गौरतलब है कि स्वामी सुखदेवानंद विधि महाविद्यालय में लॉ की छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो पोस्ट किया था। जिसमें उसने कहा था कि एक संन्यासी ने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी। उसे और उसके परिवार को इस संन्यासी से जान का खतरा है।
इस मामले में लड़की के पिता ने चिन्मयानंद के खिलाफ यौन शोषण की शाहजहांपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दूसरी ओर चिन्मयानंद के वकील की ओर से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी का मामला दर्ज कराया गया था। उसके बाद छात्रा लापता हो गई थी और 30 अगस्त को उसे राजस्थान से बरामद किया था।
इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने राज्य को मामले की जांच कराने के आदेश दिए थे। उसके बाद सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने इस प्रकरण में चिन्मयानंद से करीब सात घंटे की पूछताछ की थी। छात्रा से भी कई घंटे की पूछताछ की गई।
छात्रा ने न्यायालय में करीब साढ़े चार घंटे बयान दर्ज कराया था, जो करीब 20 पन्नों में दर्ज है। उसके बाद उसने एसआईटी को पैन ड्राइव सौंपा जिसमें सबूत के तौर पर करीब 43 वीडियों क्लिप हैं। छात्रा ने एसआईटी पर पर सबूत मिटाने और चिन्मयानंद की मदद करने का आरोप लगाया था। चिन्मयानंद की गिरफ्तारी नहीं होने पर उसने आत्मदाह की धमकी तक दी थी। इस प्रवकरण पर विपक्ष ने भी भाजपा की जमकर आलोचना की थी।