नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उत्पीड़न की शिकार एलएलएम की छात्रा और उसके भाई को पढ़ाई पूरी करने के लिए किसी दूसरे विश्वविद्यालय में आवेदन के लिए गुरुवार को मंजूरी दे दी।
न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की खंडपीठ ने गुरुवार को यह आदेश दिया। छात्रा एलएलएम की पढ़ाई कर रही है जबकि उसका भाई एलएलबी की पढ़ाई कर रहा है।
अतिरिक्त सालिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने न्यायालय को सूचित किया कि छात्रा और उसके भाई का स्थानांतरण छात्रावास सुविधा वाले दूसरे कालेजों में करने के लिए सभी प्रबंध कर लिए गए हैं।
खंडपीठ ने छात्रा और उसके भाई को दाखिले का आवेदन करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। दोनों की पुराने संस्थान में जमा की गई फीस नए संस्थान में दाखिले पर समायोजित कर दी जाएगी।
न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि छात्रा और उसके अभिभावक अब अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं और वह शाहजहांपुर वापस जा सकते हैं।
छात्रा ने पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। आरोप लगाने के बाद छात्रा तीन दिन तक लापता रही थी। न्यायालय ने छात्रा की शिकायतों की जांच लिए विशेष जांच दल का गठन किया है।
वकीलों के एक समूह ने न्यायालय को एक पत्र लिखकर इस घटना की तरफ ध्यान दिलाया था और उसके बाद न्यायालय ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था।
उच्चतम न्यायालय ने बार काउंसिल आफ इंडिया से आग्रह किया है कि संबंधित कालेजों में सीटें बढ़ाई जाएं जिससे कि छात्रा और उसके भाई को पढ़ाई पूरी करने के लिए जगह मिल जाये।
छात्रा ने 24 अगस्त को फेसबुक पर वीडियो डाला था और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। छात्रा के आरोप लगाने के बाद उसके पिता ने पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पर अपनी पुत्री के अपहरण और धमकी देने का मामला शाहजहांपुर की चौक कोतवाली में दर्ज कराया था।