नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानद के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली विधि छात्रा ने सुप्रीमकोर्ट को बताया कि वह उत्तर प्रदेश लौटना नहीं चाहती।
एलएलएम की छात्रा की बरामदगी के बाद उपजी परिस्थितियों में उच्चतम न्यायालय ने लड़की को आज उसके समक्ष पेश करने का निर्देश उत्तर प्रदेश सरकार को दिया था, जिसे देर शाम न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ के समक्ष पेश किया गया।
न्यायाधीशों ने उससे बंद कमरे में पूछताछ की। बाद में न्यायालय ने खुली अदालत में बताया कि छात्रा अपने गृह राज्य नहीं जाना चाहती।
शीर्ष अदालत ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के बाद से विधि छात्रा के लापता होने का स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की आज सुनवाई का फैसला लिया था, लेकिन इसी बीच खबर आई कि छात्रा को राजस्थान से एक मित्र के साथ बरामद किया गया है। विधि छात्रा से बातचीत के बाद न्यायमूर्ति भानुमति ने कहा कि लड़की को दिल्ली में ही फिलहाल चार दिन सुरक्षित स्थान पर रखा जाए।
न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को उसके माता पिता को बुलाकर राजधानी में मिलाने का भी निर्देश दिया। न्यायमूर्ति भानुमति ने कहा कि लड़की अपनी सुरक्षा के लिए अपने कॉलेज के साथी के साथ गई थी। वह तब तक अपने माता-पिता से मिल नहीं लेती तब तक उत्तर प्रदेश नहीं जाना चाहती। उसने कहा है कि वह उनसे (माता-पिता से) मुलाकात के बाद ही आगे के बारे में विचार करेगी। न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए दो सितम्बर की तारीख मुकर्रर की है।