चित्तौड़गढ़। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के साडास थाने पर दर्ज मूक बधिर विवाहिता के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने त्वरित जांच कर दो आरोपियों को हिरासत में लिया।
पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि घटनास्थल भीलवाड़ा शहर में होने की पुष्टि कर अब आगे की कार्रवाई के लिए भीलवाड़ा पुलिस के पास मामले को भेज दिया है।
उन्होंने बताया कि गत दिनों भीलवाड़ा के अस्पताल में गंभीर हालत में लाई गई एक मूक बधिर विवाहिता के साथ चित्तौड़गढ़ जिले के साडास थाना क्षेत्र में दुष्कर्म एवं गर्भपात की जानकारी भाषा विशेषज्ञों द्वारा दिए जाने के बाद पीड़िता की बहन से एक लिखित रिपोर्ट साडास थाने पर दर्ज कर तेजी से जांच प्रारम्भ की गई।
जांच में सामने आया कि मूक बधिर के साथ दुष्कर्म भीलवाड़ा में जहां वह रहती थी वहीं उसके पड़ौसी दो किरायेदार युवकों पूरणसिंह रावत निवासी केसरपुरा जिला राजसमंद एवं विष्याकुमार कलाल की संलिप्तता हो सकती है, इस पर दोनों के डीएनए एवं भ्रूण का डीएनए लेकर जयपुर प्रयोगशाला को भिजवाए जहां पर विष्या का डीएनए का भ्रूण के डीएनए से मिलान हो गया और पुष्टि हो गई व आरोपी विष्या ने भी मूक बधिर के साथ दुष्कर्म की वारदात करना स्वीकार कर लिया।
लेकिन घटनास्थल भीलवाड़ा शहर के प्रतापनगर क्षेत्र में होने के कारण अब मामले की अग्रिम कार्रवाई के लिए भीलवाड़ा पुलिस को समस्त साक्ष्य एवं दस्तावेज भिजवा दिये गये हैं जहां पर उनके विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दोनों आरोपी एक साथ रहते हुए भीलवाड़ा शहर में पुताई का काम करते है। गौरतलब है कि इस मामले के सामने आने के बाद दोनों जिलों की पुलिस व सरकार तक हिल गई थी लेकिन चित्तौड़गढ़ पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए अलवर की तरह इस मामले को नहीं बनने दिया। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिम्मतसिंह देवल भी उपस्थित रहे।