चित्तौड़गढ़। राजस्थान में पंचायतीराज चुनावों की आज संपन्न हुई मतगणना के बाद भारतीय जनता पार्टी भाजपा ने चित्तौड़गढ़ जिला परिषद पर लगातार तीसरी बार अपना कब्जा बरकरार रखा है।
भाजपा ने इसके साथ ही जिले की 11 पंचायत समितियों में से नौ पर भी स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया है। इस चुनाव में भाजपा की पूर्व जिला प्रमुख एवं विधायक अर्जुन जीनगर के भाई की पत्नी पंचायत समिति चुनाव हार गई है।
जिला निर्वाचन विभाग से जारी अंतिम परिणाम के अनुसार जिला परिषद के 25 वार्डों की हुई मतगणना के बाद भाजपा के प्रत्याशियों ने 21 वार्डों में अपनी जीत दर्ज करवाई है जबकि कांग्रेस को मात्र चार वार्डों में ही जीत मिली है।
कांग्रेस को जिन चार वार्डों में जीत मिली उनमें से तीन कपासन विधानसभा क्षेत्र से है जबकि एक बेंगू विधानसभा का वार्ड है। जिला परिषद में सबसे बड़ी जीत बेंगू के पूर्व विधायक सुरेश धाकड़ की 10 हजार 797 मतों से वार्ड 22 से हुई है। वे सामान्य सीट होने के बावजूद जिला प्रमुख पद के प्रबल दावेदार हैं वहीं एक अन्य प्रबल दावेदार डेयरी अध्यक्ष बद्रीलाल जाट भी चुनाव जीत गए है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने वर्ष 1995 से अब तक केवल 2005 में कांग्रेस एक मत के बहुमत से अपने प्रत्याशी लच्छी मीणा को प्रमुख बना गई थी लेकिन एक वर्ष बाद ही उनकी मृत्यु हो गई और कांग्रेस के पास अनुसूचित जनजाति का कोई उम्मीदवार नहीं होने से फिर भाजपा की सुमित्रा मीणा बचे कार्यकाल के लिए जिला प्रमुख बना दी गई थी।
जिले की 11 पंचायत समितियों की हुई मतगणना में चित्तौड़गढ़, भदेसर, राशमी, बेंगू, डूंगला, भैंसरोड़गढ़, बड़ीसादड़ी, निम्बाहेड़ा एवं भूपालसागर पर भाजपा ने अपना कब्जा बरकरार रखा है जबकि कांग्रेस ने कपासन पर अपना कब्जा रखते हुए गंगरार को भाजपा से एक दशक बाद छीन लिया है।
पंचायत समिति चुनावों में जिले के कई बड़े नेताओं ने अपने परिजनों को टिकट देकर अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा रखी थी जिनमें से प्रदेश के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के भाई निम्बाहेड़ा क्षेत्र के जिला परिषद एवं पंचायत समिति वार्ड से एक साथ चुनाव लड़ रहे थे लेकिन वे जिला परिषद जहां हार गये वहीं पंचायत समिति के वार्ड से वे बमुश्किल जीत सके लेकिन यहां बहुमत भाजपा का होने से वे प्रधान नहीं बन सकेंगे।
इसी तरह बड़ीसादड़ी के पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी ने अपने पुत्र राजा चौधरी को पंचायत समिति चुनाव लड़वाया जहां से वे तो जीत गये लेकिन भाजपा के आगे इन्हें भी प्रधान बनवाने का सपना धरा रह गया।
सबसे आश्चर्यजनक परिणाम राशमी पंचायत समिति क्षेत्र के वार्ड तीन का रहा जहां से भाजपा के टिकट पर पूर्व जिला प्रमुख प्रधान बनने के लिए चुनाव लड़ी लेकिन वे हार गई जबकि भाजपा ने बहुमत प्राप्त कर लिया। वे विधायक अर्जुनलाल जीनगर के छोटे भाई की पत्नी है।