चित्तौड़गढ़। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार उपखंड मुख्यालय पर बंद पड़ी एक कॉटन मिल के मामले में आज दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।
प्राप्त जानकारी अनुसार गंगरार उपखंड मुख्यालय स्थित रेलवे स्टेशन से सटी एक बंद पड़ी पुरानी कॉटन मिल की 154 बीघा भूमि पर गत तीन दिनों से चल रहे घटनाक्रम एवं इस मामले में वृत्ताधिकारी कमल जांगीड़ एवं थानाधिकारी शिवराज गुर्जर को निलम्बित किया गया है। एक दिन पूर्व ही थानाधिकारी को लाईन हाजिर कर दिया गया था।
प्रकरण के अनुसार इस भूमि का मालिकाना हक भीलवाड़ा के प्रसिद्ध औद्योगिक घराने मानसिंहका ग्रुप का है। जिसकी क्षेत्र के लाडुपुरा गांव निवासी रतनलाल जाट ने फर्जी तरीके से अपने नाम रजिस्ट्री करवा ली थी जिसे मानसिंहका ग्रुप ने शून्य घोषित करवा दिया और फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में रतनलाल को न्यायालय ने जेल भी भेजा था।
दो साल पहले रतन लाल ने फिर इस भूमि पर कब्जे की कोशिश करना शुरू किया तो मानसिंहका ग्रुप ने हाल में तहसीलदार से नपती करवाकर वहां पर तारबंदी हटवाकर पक्की दीवार बनवाना प्रारम्भ कर दिया जिसके बाद क्षेत्रीय विधायक राजेंद्रसिंह बिधूड़ी भी इसमें कूद पड़े।
बिधूडी शनिवार को गंगरार थाने पहुंचकर थानाधिकारी एवं वृत्ताधिकारी जांगीड़ को काम बंद कराने का कहते हुए थानाधिकारी की कुर्सी पर बैठ गए। करीब चार घंटे तक पुलिस अधिकारी उन्हें समझाते रहे कि वहां दीवार निर्माण का कार्य कानूनन चल रहा है और वे बंद करवाने में असमर्थ है।
बाद में काम बंद कराया दिया गया और मानसिंहका ग्रुप के दो लोगों के विरूद्ध अशांति फैलाने का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया गया। इसके बाद थानाधिकारी को लाईन हाजिर कर दिया गया था।