जयपुर। नागरिकता संशोधन कानून तथ्य एवं हमारा कर्तव्य विषय पर विश्व संवाद केंद्र द्वारा रविवार को माहेश्वरी पब्लिक स्कूल की ऑडिटोरियम में प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन का आयोजन किया गया।
सम्मेलन के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि प्राचीन काल में विभिन्न आक्रमणों के दौरान इरानी, यहूदी को भारत में शरण दी गई, लेकिन किसी ईसाई या मुस्लिम ने देश ने उन्हें शरण नहीं दी। उन्होंने कहा कि शरणार्थी को नागरिकता देने के लिए सरकार ने नए नियम के तहत अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून बनाया है।
हमने अनेकों देशों से आए लाखों शरणार्थीयों को हमारे देश में शरण दे चुके हैं, लेकिन फिर भी हमें अल्पसंख्यक विरोधी कहा जाता है। इसी बात को लेकर दुनिया से सभी देश भारत के खिलाफ एजेंडा बनाने में जुट जाते हैं लेकिन पाकिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक पर होने वाले अत्याचार पर दुनिया का कोई भी देश जुबान तक नहीं खोलता है।
उन्होंने कहा कि जिन देशों में अल्पसंख्यक पर सबसे ज्यादा अत्याचार होता है, उन देशों को भारत के बारे में मानवता की दुहाई देने का कोई अधिकार नहीं है। नागरिकता संशोधन कानून से विदेशी ताकतों को लगा कि भारत अब वैश्विक ताकत बनने के पथ पर बढ़ रहा है। इससे बौखलाहट में आकर विपक्षी पार्टियां देश में अस्थिरता पैदा कर रही हैं।
नागरिकता संसोधन कानून लागू होने के बाद अब देश के लिए परीक्षा की घड़ी है, क्योंकि अब भारत का चरित्र दुनियाभर में प्रदर्शित होगा। ऐसे में हम लोगों को शांति, सौहार्द बनाने के लिए मिल जुलकर प्रयास करने होंगे।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि जो लोग आज विपक्ष में बैठे हैं इन्होंने पहले भी देश को आगे नहीं बढ़ने दिया, बेरोजगारी गरीबी में धकेल दिया। यह सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति का प्रयास था। जिनके द्वारा सरकार के खिलाफ अल्पसंख्यक विरोधी मुद्दा उठाकर भाईचारा बिगड़ने के काम किया जा रहा है।
इंद्रेश कुमार कहा कि प्राचीन काल में अनेको असुर हुए, लेकिन उनकी संतान को कभी असुर नहीं कहा गया। ऐसे ही भारत में रहने वाले सभी लोग भारत माता की संतान हिंदू हैं। भगवान के घर किसी की कोई जाति नहीं होती, लेकिन कर्म व्यवस्था के अनुसार जातियां बन गई। हमें उस जाति बंधन को तोड़कर भाईचारा व समरसता की मिसाल पेशकर देश को वैभवशाली बनाना होगा।
जातिवाद सबसे बड़ा पाप है, हम सब एक हैं, एक रहेंगे। जयपुर को छुआछूत मुक्त, धार्मिक सौहार्द से परिपूर्ण गुलाबी महक वाला क्षेत्र बनाएंगे। युग परिवर्तन का समय प्रारंभ हो चुका है। हम मन, वचन, कर्म से इसके साक्षी बनें। भारत हमेशा खंडित रहेगा या फिर इसकी सीमाएं स्थाई रुप से बना दी गई है ऐसा नहीं है। आने वाले दशकों में भारत फिर से अखण्ड स्वरूप लेगा। हम सभी संकल्प करें कि हम खंडित भारत में जन्मे, लेकिन मृत्यु अखंड भारत में हो।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एनके जैन ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून भारत में रहने वाले किसी भी धर्म संप्रदाय के व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, लेकिन राजनितिक स्वार्थपूर्ति के लिए कुछ लोग देश में दंगे भड़का रहे हैं। इस दौरान क्षेत्र संचालक डॉ. रमेश अग्रवाल, सह क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम, डॉ. शैलेंद्र समेत बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन, शरणार्थी आदि मौजूद रहे।