अजमेर। स्मार्ट सिटी अजमेर की सुरक्षा रामभरोसे है। किसी युद्ध या अन्य प्राकृतिक आपदा में सिविल डिफेंस से मदद की उम्मीद करना बेमानी होगा, क्योंकि यह ईकाई खुद ही बेपरवाही का शिकार है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 70वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मंगलवार को अजमेर में मनाए गए शहीद दिवस के मौके पर सिविल डिफेंस की अजमेर ईकाई की पोल खुल गई।
हुआ यूं था कि हर साल शहीद दिवस समेत कुछ अन्य विशिष्ट अवसरों पर शहरभर में लगे सायरन बजाने का चलन रहा है। इस बार भी शहीदों को श्रद्धांजलि के समय ठीक 11 बजे सायरन बजा, लेकिन इसकी गूंज कलेक्ट्रेट परिसर तक सिमट कर रह गई।
बाद में पता चला कि शहर में लगे बाकी 10 सायरन मौन साधे रहे। सायरन की आवाज से कलेक्ट्रेट परिसर में तो तय समय पर शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर दी गई।
आखिर शहर के बाकी हिस्सों में लगे सायरन क्यों नहीं बजे, इसकी पडताल जब सबगुरु न्यूज ने की तो जो कहानी सामने आई उससे प्रशासनिक लापरवाही और खेत ही बाड को खाए वाली स्थित उजागर हुई। युद्धकाल में नागरिक सुरक्षा की सबसे अधिक जिम्मेदारी निभाने के लिए बनाया गया सिविल डिफेंस विभाग तो खुद लापरवाह निकला।
हवाई हमले या किसी अन्य तरह की प्राकृतिक आपदा की स्थिति होनेे पर आमजन को सचेत करने के लिए विभिन्न सरकारी महकमों की इमारतों पर लगाए गए 11 सायरनों में से 6 तो एक बार भी नहीं बजे, शेष पांच को भी एक साथ बजे सालों बीते गए। एकमात्र कलेक्ट्रट परिसर का सायरन भी मैन्यूअल तरीके से बजाकर खानापूति की जा रही है।
पहले बीएसएनएल के सहयोग से इन सायरनों को जरूरत पडने पर एकसाथ बजाने की आॅटोमैटिक प्रणाली हुआ करती थी। शुरू में पांच सायरन तक उनकी लाइन बिछी थीं। बिलों के भुगतान को लेकर हुई अनबन के बाद बाकी नए लगे छह सायरनों से बीएसएनएल ने कोई कवायद ही नहीं की। सिविल डिफेंस ने भी मामला फाइलों में दफन कर कर्तव्य की इतिश्री कर ली। इसके बाद से सभी सायरन बेदम पडे हैं।
शहर में इन जगहों पर लगे हैं सायरन
1 कलेक्ट्रेट परिसर
2 आगरा गेट बीएसएनएल आॅफिस
3 किंग एडवर्ड मेमोरियल स्टेशन रोड
4 कुक्कुट शाला शास्त्री नगर
5 राजस्थान लोक सेवा आयोग नया भवन
6 एचएमटी ब्यावर रोड
7 पावर हाउस परबतपुरा
8 पावर हाउस मदार
9 पावर हाउस धोलाभाटा
10 सुभाष नगर बीएसएनएल आॅफिस
11 वैशाली नगर बीएसएनएल आॅफिस
इनका कहना है
मेरे पास अजमेर का अतिरिक्त कार्यभार है, चार्ज लिए कुछ ही समय बीता है। कल अजमेर आ रहा हूं। मेरी जानकारी के अनुसार सायरन न बजने के पीछे बीएसएनएल का असहयोगात्मक रवैया रहा है। भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार सिविल डिफेंस के साथ सहयोग करने की जिम्मेदारी बीएसएनएल की भी बनती है।
इंदरमल बुनकर, उपनियंत्रक सिविल डिफेंस जयपुर