अजमेर। जनता कर्फ्यू के संबंध में गृह मंत्रालय भारत सरकार, अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षा महानिदेशक के निर्देशानुसार शाम 5 बजे सिविल डिफेंस के स्थापित सायरन एवं फायरवैल 5 मिनट के लिए बजाए जाएंगे। यह जानकारी अतिरिक्त कलक्टर हीरालाल मीणा ने दी।
बतादें कि जिला प्रशासन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम दिए संबोधन के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव में जुटे लोगों के लिए रविवार को शाम 5 बजे अपने घरों पर खडे होकर कावीयंत्र बजाने की अपील की है। इसी क्रम से सरकारी स्तर पर भी सायरन बजाने के लिए निर्देशित किया गया है।
अजमेर शहर में कितने सायरन, बजेंगे कितने?
यूं स्मार्ट सिटी बनने के डेढ दशक पहले ही अजमेर में सिविल डिफेंस विभाग की ओर से प्राकृतिक आपदा, युद्ध जैसी गंभीर परिस्थितियां उत्पन्न होने पर आमजन को अलर्ट करने के लिए पहले सात सायरन शहर के भीतरी भागों तथा परिधि क्षेत्र में लगाए गए थे। बाद में इनकी संख्या बढाकर करीब 11 कर दी गई।
शुरुआती योजना में इन सायरनों को प्रतिदिन सुबह 10 बजे तथा शाम 5 बजे बजाया जाना भी तय किया गया था ताकि कार्यालय आने जाने वालों को समय का पता चल सके साथ ही सायरनों के ठीक होने का भी पता रहे। यह कवायद महज टेस्टिंग फेज में ही दम तोड गई। आलम यह हुआ कि स्वचालित प्रणाली से लैस सायरन बजने का पूरा सिस्टम ही कागजी फाइलों में दफन होकर रह गया।
गांधी जयंती अथवा यदा कदा कोई अवसर आने पर बतौर औपचारिकता कलेक्ट्रेट परिसर में लगे एकमात्र सायरन को बजाकर कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है। बाकी जगह लगे सायरनों की कभी किसी ने आवाज तक नहीं सुनी।
कहां कहां लगे हैं सिविल डिफेंस के सायरन
अजमेर कलेक्ट्रेट परिसर के मुख्य भवन, बीएसएनएल कार्यालय वैशाली नगर, बीएसएनएल कार्यालय आगरा गेट, एचएमटी परिसर दौराई, आरपीएससी नया भवन, पशुपालन विभाग शास्त्री नगर, सीआरपीएफ फायसागर रोड, केईएम स्टेशन रोड, धोलाभाटा बीएसएनएल कार्यालय, मदार पावर हाउस अजमेर आदि जगहों पर बरसों पहले स्थापित किए गए थे।