नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रवासी मजदूरों के साथ असंवेदनशीलता के साथ पेश आ रही है तथा उन्हें घर भेजने के लिए बसों का इंतजाम करने के कांग्रेस के प्रयास का सहयोग नहीं कर रही है और पीडितों के घाव पर मरहम लगाने की बजाय नमक छिड़क रही है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला तथा पार्टी नेता राजीव शुक्ला ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली होती है तो उत्तर प्रदेश सरकार हजारों बसें लोगों को रैली में लाने के लिए लगा देती है लेकिन जब राज्य के थके हारे, भूखे प्यासे और बेरोजगारी से पीडित होकर पैदल अपने घर जाने को मजबूर मजदूरों काे उनके घर पहुंचाने की बात आती है तो यही सरकार हाथ खडा कर देती है और यदि कांग्रेस इस काम में आगे आती है तो उसे भी यह काम नहीं करने दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार को गरीब मजदूरों की व्यथा नजर नहीं आ रही है और मजदूरों के साथ अन्याय हो रहा है। मोदी ने चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन की घोषणा कर देते हैं और इसका खामियाजा देश के प्रवासी मजदूरों को भुगतना पड रहा है। करीब दो महीने से असहनीय पीडा का सामाना कर रहे ये मजदूर जब मजबूर होकर अपने घर जाने के लिए रास्ते में हैं तो उनकी सुध नहीं ली जा रही है।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि योगी सरकार ने मजदूरों को बेसहरा छोड़ दिया है इसलिए कांग्रेस उनकी सेवा के लिए आगे आयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा नर सेवा ही नारायण सेवा की बात करते रहे हैं लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि उन्हें पैदल चल रहे मजदूरों, महिलाओं और बच्चों की पीड़ा, व्यथा और बेहाली उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को नजर नहीं आती है।
प्रवक्ता ने कहा कि मजदूरों की यह व्यथा असहनीय थी इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आह्वान पर प्रवासी श्रमिकों का रेल किराया वहन करने के लिए पार्टी आगे आई। पार्टी की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा एवं कांग्रेस ने मजदूरों के लिए 1000 बसों का इंतजाम किया लेकिन उत्तर प्रदेश शासन ने इसके लिए इजाजत नहीं दी और कई शर्ते लगा दी जिसके कारण मजदूरों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
बसें तो नहीं उतरी मगर योगी के मंत्री उतर गए आरोप लगाने : प्रमोद तिवारी