कोलकाता। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने पश्चिम बंगाल के भाटपाड़ा में भड़की हिंसा के लिए ममता बनर्जी नीत तृणमूल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इसबीच शनिवार को विभिन्न दलों के नेताओं के दौरे के तुरंत बाद विरोधी गुटों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए फिर से हिंसा शुरू कर दी जिसमें कई लोग घायल हो गए।
पुलिस को पथराव और बम फेंक रहे विरोधी गुटों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करनी पड़ी। विरोधी गुटों की हिंसा और पुलिस लाठीचार्ज के दौरान कई लोग घायल हो गए।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर गठित पार्टी के तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के भाटपाड़ा में गुरुवार को पुलिस फायरिंग में ही दो युवकों की मौत हुई थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बर्द्धमान-दुर्गापुर के सांसद एसएस आहलूवालिया के नेतृत्व में गठित प्रतिनिधिमंडल ने घटनास्थल का मौके मुआयना कर कहा कि यदि पुलिस ने हवा में गोलियां चलायीं थीं तो दोनों युवकों-रामबाबू साव और धर्मवीर साव- को एसएलआर और इंसास राइफल की गोलियां कैसे लगी?
गौरतलब है कि यह प्रतिनिधिमंडल हिंसाग्रस्त क्षेत्र की स्थिति का जायजा लेने के बाद अपनी रिपोर्ट भाजपा अध्यक्ष एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंपेंगा।
प्रतिनिधिमंडल में आहलूवालिया के साथ पार्टी के दो अन्य सांसद-मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह और झारखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक बी डी राम शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल के साथ बैरकपुर से पार्टी के सांसद अर्जुन सिंह भी साथ में थे। उन्होंने घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने की भी मांग की।
भाजपा नेताओं ने पीड़ित परिवारों के सदस्यों तथा स्थानीय लोगों से भी बातचीत की। मृतकों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने भी आरोप लगाया कि पुलिस फायरिंग से ही दोनों युवकों की मौत हुई।
आहलूवालिया ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के परिणामों से हतोत्साहित होकर आतंक का माहौल कायम करने के लिए ममता बनर्जी नीत तृणमूल सरकार इस प्रकार का कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि चुनाव के बाद भी ऐसी घटनायें हो रही हैं।
इसबीच कांग्रेस नेता अब्दुल मनान और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सुजान चक्रवर्ती के नेतृत्व में दोनों दलों का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने भी हिंसा से प्रभावित इलाके का दौरा किया। उन्होंने भी दोनों युवकों की मौत के लिए पुलिस फायरिंग को जिम्मेदार ठहराते हुए घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की।
मन्नान ने कहा कि मारे गए दोनों युवकों के परिजन भूखमरी के कगार पर हैं तथा राज्य सरकार को तुरंत इनको सहायता राशि तथा रोजगार उपलब्ध करानी चाहिए ताकि उनकी आजीविका चल सके।
इसबीच भाटपाड़ा और काकीनाड़ा में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इन इलाकों में पिछले तीन दिनों से सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानें बंद हैं जिससे सामान्य जनजीवन भी प्रभावित है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाटपाड़ा में व्याप्त अशांत माहौल के लिए तृणमूल सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इलाके में व्यापक विरोध प्रदर्शन भी किया।