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Clashes between honoured and neglected bjp workers can't underestimate - Sabguru News
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भाजपा में भी भाजपा (पी) बनाम भाजपा(टी) के विवाद कम नहीं

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भाजपा में भी भाजपा (पी) बनाम भाजपा(टी) के विवाद कम नहीं
BJP wins Bhadraghat seat in Tripura by-election
BJP wins Bhadraghat seat in Tripura by-election
BJP wins Bhadraghat seat in Tripura by-election

सबगुरु न्यूज-सिरोही। भाजपा में भी अंतद्र्वंद्व कम नहीं है। भाजपा (पी यानी पुरस्कृत) उन लोगों का समूह है, जिन्हें कथित पिछले 5 सालों में पुराने कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले लोगों को दरकिनार करके अग्रिम पंक्ति में रखा गया।

भाजपा(टी यानी तिरस्कृत) शहर में उन कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का समूह है जो स्वयं को पार्टी की रीति नीति के पहरुआ मानते हैं। अगर शहर की बात करें तो भाजपा(पी) से ज्यादा संख्या भाजपा(टी) गुट की संख्या बताई जा रही है।

प्रभाव के बारे में इन लोगों का दावा है कि पुरस्कृत समूह के भाजपाइयों से ज्यादा जनता में पकड़ पिछले 5 साल में तिरस्कृत किये गए भाजपाइयों की है। भाजपा(पी) को भाजपा (टी) से चुनौती मिलने की संभावना इसलिए भी है कि अपने स्वाभिमान की खातिर उनकी घनिष्ठता निर्दलीय विधायक से भी कम नहीं है।

फिर पुरस्कृत भाजपाइयों ने भ्रष्टाचार आरोपों में आकंठ डूबे भाजपा बोर्ड में जनता का तिरस्कार करने में भी कोई कमी नहीं छोड़ी।
-ग्रामीण बनाम शहरी भाजपा
सिरोही में इस बार पांच में से 4 नगर निकायों में चुनाव है। माउंट आबू विशुद्ध शहरी भाजपा है। पिंडवाड़ा विशुद्ध ग्रामीण। शिवगंज और सिरोही की बात करें तो सिरोही की भाजपा में सबसे ज्यादा ग्रामीण भाजपा का हस्तक्षेप है। अंदरखाने यह माना जाता है कि सिरोही नगर की वर्तमान कार्यकारिणी में करिश्माई नेता कम ही है।

पुराने शहरी नेतृत्व को सिरोही शहर में पनपने नहीं दिया गया। अब जिलाध्यक्ष तो बदल गए लेकिन, नगर मंडलों में करिश्माई परिवर्तन नहीं हो पाया है। शहर में ग्रामीण नेतृत्व के लोग ज्यादा सक्रिय दिखे शहर के पुराने और कद्दावर नामों को पिछले 5 सालों में हाशिये पर डाल दिया गया।
-विधायक और सभापति कार्यकाल सबसे कमजोर कड़ी
जिस तरह से भाजपा विधायक ओटाराम देवासी ने सिरोही जिले मुख्यालय की विकास गतिविधियों के प्रति गैर संजीदगी बरती उसका असर सिरोही पर अब भी है। कांग्रेस के पास भी कोई करिश्माई नेता नही है, लेकिन निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के लिए भाजपा सभापति ताराराम माली का कार्यकाल के कथित करोड़ों का भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा। रविवार को उन्होंने भाजपा कार्यकाल में 50 करोड़ का घोटाला होने का आरोप लगा कर शहर की आंखों की पुतलियां बाहर निकाल दी है।