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सबगुरु इन्वेस्टिगेशन: सिरोही गौरव पथ में ये नहीं तो समझिए लग रहा है सरकार को चूना
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सबगुरु न्यूज इन्वेस्टिगेशन: सिरोही गौरव पथ में ये नहीं तो समझिए लग रहा है सरकार को चूना

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सबगुरु न्यूज इन्वेस्टिगेशन: सिरोही गौरव पथ में ये नहीं तो समझिए लग रहा है सरकार को चूना
Mixture plant established in makroda near Sirohi
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Simple mixture established in barloot pond for gaurav path

सबगुरु न्यूज(परीक्षित मिश्रा)-सिरोही। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के द्वारा घोषित ग्रामीण गौरव पथ के एक महत्वपूर्ण शर्त की अधिकांश जगह पालना नहीं हो रही है। ये सड़कें एम 30 ग्रेड की हैं। इसके लिए सीमेंट, कंक्रीट और बजरी की नियत मात्रा में मिश्रण बनने के लिए मिक्सर प्लांट लगाना जरूरी है।

गौरव पथ के टेंडर राशि में प्लांट की राशि भी जुड़ी हुई है, लेकिन ठेकेदार प्लांट की जगह साधारण मिक्सिंग मशीन का इस्तेमाल करके लाखों रुपये की चपत सरकार और जनता को सीधे-सीधे लगा रहे हैं। पूरे जिले में करीब 42 गौरव पथ बन रहे हैं। और राज्य में सैंकड़ों। सिरोही के माकरोडा में बनने वाले गौरव पथ में प्लांट लगा कर काम किया जा रहा है। जबकि बरलूट सरपंच वेनाराम के अनुसार बरलूट में बनने वाली गौरव पथ में साधारण मिक्सचर का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर्स इस मुद्दे पर बाद में या आफिस में बात करने का कहते दिखे।

Gaurav path, sirohi, makroda
Mixture plant established in makroda near Sirohi

प्लांट में होती है कंप्यूटरीकृत मिक्सिंग

एम-30 में सीमेंट, कंक्रीट और बजरी का अनुपात 1:2:3 का होता है। इसमे पानी का अनुपात भी निश्चित होता है। मिक्सर प्लांट में सीमेंट, पानी, कंक्रीट और बजरी की बिल्कुल सही अनुपात में मिक्सिंग के लिए कम्प्यूटर पैनल लगा हुआ होता है।

इस पैनल में इन सभी कॉम्पोनेन्ट की मात्रा तय की जाती है। और इसमे बने सीमेंट, बजरी, कंक्रीट और पानी के स्टोरेज ब्लॉक से इसी मात्र में ये सामग्री निकालकर मिक्स होती है और आउटलेट से बाहर निकलती है।

Sirohi, gaurav path
Contract of gaurav path according to this use of plant is necessary

यूं पहुंच रहे हैं जनधन को नुकसान

गौरव पथ करीब 60-60 लाख के हैं। प्लांट का उपयोग करने पर उसका मासिक किराया करीब डेढ़ लाख रुपये आता है। इसके अलावा इसे ऑपरेट करने के लगने वाले ऑपरेटर का वेतन करीब 30 हजार रुपये मासिक आता है। प्लांट को चलाने के लिए जेनेरेटर लगता है और प्लांट में मटेरियल डालने के लिए जेसीबी का भी इस्तेमाल किया जाता है।

इसका किराया और खर्च भी प्रतिमाह करीब 1एक लाख रोये से ज्यादा आता है। ये सभी राशि ठेके की राशि में जुड़ी हुई होती है। बरलूट और इस जैसे स्थान पर जहां प्लांट की जगह साधारण मिक्सर का इस्तेमाल किया जा रहा है वहां पर मिक्सर का किराया प्रतिदिन एक हजार रुपये और मासिक 30 हजार रुपये आता है।

ऐसे में प्लांट की जगह साधारण मिक्सर का उपयोग करने से ही सीधे रूप में सरकार को एक गौरव पथ में न्यूनतम 3 लाख रुपये की चपत लग रही है। इसके अलावा साधारण मिक्सचर में गुणवत्ता नही आने की समस्या उत्पन्न होगी सो अलग।

सिरोही pwd एईएन ने ये कहा
इस संदर्भ में सिरोही के पीडब्ल्यूडी एईएन से बात की गई थी तो उन्होंने ये कहा..
सबगुरु न्यूज-गौरव पथ M-30 बन रहे हैं ना।
Aen-हां-हां
सबगुरु न्यूज- तो इसमें  प्लांट का इस्तेमाल होने चाहिए
Aen- इस बारे में plz आप ऑफिस में आकर बात कीजिये।

इनका कहना है…

बरलूट में गौरव पथ बनाने के लिए कंप्यूटराइज्ड प्लांट का उपयोग नहीं हो रहा है। यहां पर तालाब में साधारण मिक्सचर लगाया गया है, वहीं से माल मिक्स करके ठेकेदार ला रहे हैं।
बेनाराम
सरपंच, बरलूट, सिरोही।

गौरव पथ की लागत 60-60 लाख की है, टेंडर में अबोव बिलो भी होता है। ये इसकी स्ट्रेंथ M-30 है। इसके लिए प्लांट का उपयोग किया जाना चाहिए।
आर आर माथुर
एसई, पीडब्ल्यूडी, सिरोही।