शिमला | हिमाचल प्रदेश में पिछले चौबीस घंटों के दौरान लगातार बारिश से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया तथा बादल फटने से आई अचानक बाढ़ से बिजली परियोजनाओं में उत्पादन ठप हो गया।
वर्षा के कारण अनेक स्थानों पर भूस्खलन और बादल फटने से राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अनेक सड़कें बंद हो गई है। बिजली, पानी और संचार व्यवस्था भी ठप हो गए है। नदी, नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं। कुल्लू जिले के ऊझी घाटी के बाद अब मणिकर्ण वैली के कटागला में आज सुबह के समय बादल फटने से लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
मंडी में भारी बारिश के कारण ब्यास नदी के जलस्तर बढ़ने से जिला उापायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने लोगों को सलाह दी है कि वे ब्यास नदी के आसपास न जाने जायें । किन्नौर में राष्ट्रीय राजमार्ग पांच दो स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है। नदी के तेज बहाव के कारण तांगलिंग पुल भी बह गया।
जिला बिलासपुर के राष्ट्रीय राजमार्ग चंडीगढ़-मनाली मार्ग पर भारी बारिश के कारण सड़क पर मलबा और पत्थर गिरने से दो जगह छडोल और पंजपीरी के पास सड़क यातायात बंद हो गया जिससे कुल्लू मनाली और मनिकर्ण जाने वाले पर्यटक को काफी परेशानी हो रही है।
किन्नौर के कई स्थानों पर तेज बारिश होने से बादल फटने की घटना से लोगों में दहशत का माहौल है। डीएसपी रामपुर अभिमन्यु वर्मा ने बताया कि पूह सब-डिवीजन में बादल फटने की घटना हुई है जिससे रात सवा आठ बजे से नाथपा जाखड़ी सहित चार विद्युत परियोजनाओं को बंद करना पड़ा है।
सतलुज नदी उफान पर है। कानम, तांगलिंग, यूला, बारंग, रिब्बा, लिप्पा पेजर नाला, टोगटोंगचे नाला सहित कई नदी नाले उफान पर हैं। बाढ़ के खौफ से लोग अपने घरों को छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। बाढ़ से तंगलिंग गांव के निकट लिंक रोड पर बना पुल बह गया और गांव को खतरा उत्पन्न हो गया है। कानम में एक पिकअप बाढ़ की चपेट आई है। रिब्बा, भगत नाला, स्पिलो, रुंनग आदि कई स्थानों पर ग्रामीणों से सेब के बगीचों को नुकसान पहुंचा है।
राजधानी शिमला तथा इसके आसपास सुबह से जोरदार बारिश होने से ढली और भट्टाकुफर के बीच सड़क पर जाम लग गया 1 वाहनों की लंबी कतारें कुफरी से मल्याणा तक लग चुकी हैं। स्कूली बच्चे और ऑफिस जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा। साथ ही यात्रियों को दिक्कतें आई हैं।