सिरोही। चुनावों से पहले सिरोही की राजनीतिक परम्परा है सरजावाव दरवाजे पर भाषण की। इन भाषणों में सिरोही के वर्तमान विधायक संयम लोढ़ा विपक्ष में रहते हुए भाजपा शासन में शहर में बिना कन्वर्जन और बिना निर्माण स्वीकृति के हो रहे अवैध निर्माणों की भरमार का आरोप लगाते रहे।
इनमें भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए। उनके इन्हीं भाषणों में सलाह भी होती थी कि इनसे राजस्व वसूली करके सिरोही का विकास किया जा सकता है। लेकिन, संयम लोढ़ा के सरजावाव दरवाजे के दावे और सलाह उन्हीं के बोर्ड में सिर्फ डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित अनादरा चौराहे पर ढेर हो जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के सलाहकार सिरोही विधायक की सलाह पर उनके ही मातहत बने बोर्ड में काम करने वाले कार्मिक अमल नहीं करवा पा रहे हैं।
ये उदाहरण है सीएम सलाहकार की सलाह दरकिनार करने का
मुख्यमंत्री के सलाहकार सिरोही विधायक संयम लोढ़ा की सलाह का नगर परिषद सिरोही के सभापति, अधिशासी अधिकारी, और उनके मातहत कितना अमल करते हैं इसका उदाहरण अनादरा चौराहे से रेवदर की ओर जाने वाले मार्ग पर, चौराहे से करीब 200 फीट दूरी पर चल रहा निर्माण कार्य सबसे बड़ा उदाहरण है। शुरुआती ढांचे से ये कॉमर्शियल निर्माण प्रतीत होता है।
इसका बेसमेंट बनकर लगभग तैयार हो चुका है। सिरोही विधायक संयम लोढ़ा सिरोही नगर परिषद को सलाह देते रहते हैं कि शहर के विकास के लिए कन्वर्जन और निर्माण शुल्क की वसूली की जाए। अवैध निर्माण नहीं होने दिए जाएं। इस सलाह के बाद भी मुख्य मार्ग पर ही एक ऐसा ढांचा तैयार हो गया, जिसकी निर्माण अनुमति तो दूर इसका कन्वर्जन शुल्क तक जमा नहीं हुआ है। मतलब ये कि इस हद तक मुख्यमंत्री के सलाहकार की अपनी विधानसभा क्षेत्र में अनदेखी का उदाहरण शायद ही देखने को मिले।
ये हिमाकत इस बात की ओर स्पष्ट इशारा कर रही है कि विधायक संयम लोढ़ा सरजावाव दरवाजे पर किए दावों के अनुसार किस तरह से सिरोही नगर परिषद की कार्य प्रणाली में पूर्व विधायक और पूर्व सभापति के कार्यकाल से अलग परिवर्तन ला सके हैं।
लगाई है कॉमर्शियल कन्वर्जन की पत्रावली
इस साइट की सिरोही नगर परिषद में कॉमर्शियल कन्वर्जन की फ़ाइल लगाई है। लेकिन, सिरोही के मास्टर प्लान 2031 के अनुसार ये इलाका आर टू जोन में आ रहा है। ऐसे में फिलहाल जोनल प्लान तैयार होने तक इसका भू उपयोग परिवर्तन भी नहीं हो सकता है।
बिना कन्वर्जन के ही निर्माण शुरू करके बेसमेंट पूर्ण कर लेना नगर परिषद की विजिलेंस पर भी सवालिया निशान लगाता है। सिरोही में निर्माण और कन्वर्जन अनुमतियों का ये एक उदाहरण नहीं है, कई है। एक ताजा उदाहरण ऐसा भी सामने आया है, जो ये बताएगा कि किस तरह अशोक गहलोत सरकार ने ‘समरथ को नहीं दोष गोसाई’ कहावत पर अमल करते हुए राजनीतिक और आर्थिक रूप से सक्षम।लोगों के हितों के आगे प्रदेश के आम लोगों के हितों को दरकिनार किया है।
इनका कहना है…
इस साइट की कोई निर्माण अनुमति का पत्र मेरे पास नहीं आया है। इसका निर्माण हो रहा है तो काम रुकवा देंगे।
महावीर
सफाई निरीक्षक, नगर परिषद, सिरोही।
अनादरा चौराहे के की साइट के भू-उपयोग परिवर्तन की पत्रावली आई है। लेकिन, जोनल प्लान बनने से पहले इसका भू उपयोग परिवर्तन नहीं हो सकता। ऐसी करीब 20-25 पत्रावलियां अभी रुकी हुई हैं।
सुशील पुरोहित
राजस्व निरीक्षक, नगर परिषद सिरोही।
अनादरा चौराहे के पास किसी भी साइट के भू उपयोग परिवर्तन और निर्माण की पत्रावली एम्पावर्ड कमेटी द्वारा पास नहीं की गई है। फिर भी विस्तृत जानकारी करके बताता हूं।
महेंद्र सिंह
आयुक्त, नगर परिषद, सिरोही।
…लगातार…