जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रदेशवासियों से सहयोग की अपील करते हुए अनुरोध किया है कि इस रोग के लक्षण वाले लोग खुद को छिपाएं नहीं बल्कि तुरंत जांच कराएं।
गहलोत ने दिल्ली में तबलीगी जमात के संपर्क में आने के बाद राज्य के विभिन्न जिलों में पहुंचे लोगों से भी आग्रह करते हुए कहा कि वे संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क करके तुरंत अपना परीक्षण कराएं। यह उनके खुद के जीवन के साथ ही पूरी मानवता, समाज एवं देश के हित में है।
गहलोत गुरूवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी जिलों में रैंडम सर्वे के आधार पर टेस्ट कराए जाएं। इससे रोग की वास्तविक स्थिति जानने में मदद मिलेगी।
इसमें उन सभी लोगों को शामिल किया जाए जिनकी ट्रेवल हिस्ट्री रही हो तथा जिनमें इस रोग के प्रारंभिक लक्षण हों। साथ ही ऎसे स्थान जहां पर्यटकों की आवाजाही अधिक रही है, उन पर इस सर्वे में अधिक फोकस किया जाए।
उन्होंने कहा कि सभी प्रदेशवासी पूजा-पाठ, उपासना, नमाज, प्रेयर (प्रार्थना) आदि सभी धार्मिक कार्य घर पर ही करें। यह इस महामारी से बचाव के लिए जरूरी होने के साथ ही सम्पूर्ण मानव जीवन के हित में है।
गहलोत ने कहा कि ऎसे समय में जबकि पूरे देश में लॉकडाउन प्रभावी है, इसके बावजूद दिल्ली में ऎसा आयोजन होना चिंताजनक है। ऎसे आयोजन की जानकारी मिलते ही तुरन्त रोकना चाहिए था चाहे विरोध का सामना भी करना पड़ता। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के उददेश्य को असफल करने वाले जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
बैठक में ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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