जयपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान के हाल के घटनाक्रम इस बात के सबूत हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कुर्सी खतरे में है। यही कारण है कि गहलोत जी कांग्रेस के चिंतन शिविर के बहाने गांधी परिवार की आरती उतारने में जुटे हैं और अपनी व पार्टी की नाकामी के लिए भाजपा को कोस रहे हैं। शेखावत ने कहा कि अन्य बातों से पहले कांग्रेस को परिवारवाद पर चिंतन करने का नैतिक साहस दिखाना चाहिए।
शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि कांग्रेस अपने इतिहास के सबसे बुरे और कमजोर दौर में है। देश की जनता ने कांग्रेस मुक्ति का इरादा हर चुनाव में भाजपा के पक्ष में एकजुट होकर दिया है। हैरत है कि जिस स्थिति को पूरा देश समझ रहा है, दुनिया में जिस पर बात हो रही है, कांग्रेस को इस बात को समझने के लिए चिंतन शिविर करना पड़ रहा है।
चिंतन शिविर के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने जिस तरह पार्टी के पुराने दौर को याद किया और देश में भाजपा की सफलता को ध्रवीकरण की राजनीति का पर्याय बताया, उस पर शेखावत ने कहा कि सही बात तो यह है कि गहलोत जी, सच्चाई से मुंह फेर रहे हैं। उन्हें मालूम है कि जनता ने उनकी पार्टी को नकार दिया है और कांग्रेस महज दो सूबों की पार्टी बनकर रह गई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आलम यह है कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस की सरकार और पार्टी अंतर्विरोधों तथा शासकीय नाकामी से लगातार जूझ रही है। राजस्थान में तो हालत यह है कि आलाकमान तक को गहलोत जी के नेतृत्व पर उठे सवालों और लांछनों का सामना करना पड़ रहा है और जैसे-तैसे उनकी सरकार चल रही है।
शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री यदि हाल में करौली, जोधपुर, भीलवाड़ा में भड़के सांप्रदायिक तनाव को देखेंगे तो खुद साफ हो जाएगा कि असली तुष्टीकरण की राजनीति कौन करता है? वे अपने अपराधों का दोषी भारतीय जनता पार्टी या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बताकर बच नहीं सकते हैं। यह जगजाहिर है कि एक वर्ग विशेष का तुष्टीकरण कांग्रेस पिछले 75 सालों से करती आई है।
शेखावत ने कहा कि गहलोत जी को आज फिर इंदिरा गांधी जी याद आ रही है। उन्हें भरोसा है कि कांग्रेस फिर खड़ी हो जाएगी, पर यह भरोसा तो वह वर्ष 2014 की पार्टी की करारी हार के बाद कई बार जता चुके हैं। वर्ष 2019 से पहले भी सभी कांग्रेस के नेता इंदिरा गांधी जी की 1980 की उस ऐतिहासिक जीत का राग अलाप रहे थे, लेकिन आज उनके युवराज के नेतृत्व में 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव के अलावा देशभर के सभी राज्यों से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो चुका है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे बड़े राज्यों में कोई कांग्रेस का नामलेवा तक नहीं बचा है। मार्च में हुए पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की जो हालत हुई, वह देश की जनता ने देखी है। शेखावत ने कहा कि जिस परिवारवाद ने कांग्रेस की यह गत की है, पार्टी को सबसे पहले उस पर विचार करने का नैतिक साहस दिखाना चाहिए।
शेखावत ने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी के नेता अपने लिए एक विधिवत अध्यक्ष तक नहीं चुन पा रहे हैं। इस स्थिति पर पार्टी के भीतर ही अंसतुष्ट वरिष्ठ नेताओं का गुट खड़ा हो गया है। बावजूद इन सबके कांग्रेस की सुई आज भी गांधी परिवार पर आकर टिकी हुई है। अगर गहलोत जैसे नेता कांग्रेस में रहे तो परिवारवाद के कारण हुई इस पार्टी की रही-सही दुर्गति भी पूरी हो जाएगी।
शेखावत ने कहा कि गांधी परिवार के पुराने दरबारी अशोक गहलोत जी ने कांग्रेस के चिंतन शिविर के एजेंडे को लेकर ऐसी कोई बात नहीं कही, जिससे देश के युवाओं, महिलाओं और किसानों के बीच कोई भरोसा जगे। राजस्थान में महिला सुरक्षा और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लगातार घिर रही सरकार के मुखिया को दूसरे पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गहलोत सरकार वेंटिलेटर पर चल रही है और मुख्यमंत्री गांधी परिवार के प्रति अपनी वफादारी दिखाकर महज अपनी कुर्सी बचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के साथ राजस्थान की जनता इस पार्टी से तंग आ चुकी है और आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलना तय है।