जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र की मोदी सरकार को छापे डालने की फितरत वाली सरकार करार देते हुए कहा है कि इसके जाने के बाद लोग कहेंगे कि छापे वाली सरकार गई।
गहलोत ने आज प्रेस क्लब में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की फ़ितरत छापे डालना हैं और राज्य की कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए कितने छापे डाले, मेरे भाई के भी छापे डाले और हमारी सरकार गिराने की कोशिश की गई। यह छापे डालने वाली सरकार है और जब यह जाएगी तो आम आदमी कहेगा की छापे वाली सरकार गई।
उन्होंने कहा कि किसी के छापे डालने पर कुछ भी नहीं मिलने पर भी जब तक ऊपर से आदेश नहीं आता तब तक उस घर से नहीं जाते। उन्होंने कहा कि देश कहां जा रहा है। देश में लोकतंत्र एवं संविधान खतरे में हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार लोग भी लिख लिखकर थकने लगे हैं लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी मामले का जिक्र करते हुए कहा कि देश किस स्थिति में चल रहा है। हर आदमी को लग रहा है कि उसका फोन तो टेप नहीं हो रहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्चत्तम न्यायालय को पेगासस मामले को प्राथमिकता में लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश में विपक्ष बर्बाद हो गया तो देश का क्या होगा और देश मजबूत कैसा होगा। उन्होंने केन्द्र सरकार को राज्यों को मज़बूत करना चाहिए और राज्यों को कोरोना में इसकी ज्यादा आवश्यकता हैं लेकिन केन्द्र सरकार उल्टा काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की नीति ऐसी होनी चाहिए जो राज्यों को मदद मिल सके और राज्यों पर भार नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि नीति में बदलाव करने से राज्यों पर भार पड़ गया। उन्होंने कहा कि जीएसटी भी समय पर नहीं मिल पा रही है। राजस्थान को छह हजार करोड़ रुपए नहीं मिले।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की नीति में बदलाव की जरुरत हैं ताकि राज्य मजबूत हो सके। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की कि कोरोना से बचने के लिए पूरी तैयारी होनी चाहिए और सभी को बूस्टर डोज लगने चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुझे दोनों वैक्सीन लगी थी इसिलए मैं कोरोना में बच गया। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी भी कोरोना को लेकर अच्छे इंतजाम हैं और मैं यकीन दिलाना चाहता हूं कि कोई कमी नहीं आने दी जाएगी, ऐसी व्यवस्था कर रखी है। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाया जा रहा है।