जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा हे कि पेगासस जासूसी मामले में उच्चतम न्यायालय को स्वत: संज्ञान लेकर अविलंब जांच के आदेश देने चाहिए।
गहलोत ने आज जारी बयान में कहा कि यह यह मामला न्यायिक जांच के लिए उपयुक्त है जिससे आरोप-प्रत्यारोप की जगह सच्चाई सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पेगासस सॉफ्टवेयर से मोबाइल हैकिंग और जासूसी की खबरें आ रही हैं वह बहुत चिंताजनक और घृणित है।
गहलोत ने कहा कि जिनकी जासूसी की गयी है उस सूची में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का भी नाम आ गया है। अभी पता नहीं यह सूची कहां जाकर रुकेगी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में दिग्विजय सिंह ने जब राज्यसभा में यह मुद्दा उठाया था तब सरकार में ईमानदारी होती तो इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच करवाती। देशभर में पिछले कुछ सालों से लगातार यह चर्चा रही है कि कई लोगों के फोन टैप करवाकर जासूसी की जा रही है।
गहलोत ने कहा कि जैसा बताया गया है कि पेगासस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी के अनुसार यह सॉफ्टवेयर सिर्फ सरकारों को ही बेचा जाता है। यह एक अत्यंत गंभीर विषय है जिसकी सच्चाई जनता के सामने आनी चाहिए।
राहुल गांधी की जासूसी कराने का मसला बेहद गंभीर-डोटासरा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि पेगासस से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य की जासूसी करवाने का मसला बेहद गंभीर है। डोटासरा ने आज रात सोशल मीडिया के जरिए यह बात कही। उन्होंने कहा कि इतिहास साक्षी है जब हर हिंदुस्तानी आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहा था तब कौन लोग अंग्रेजों की मुखबिरी कर रहे थे। उसी विचारधारा के लोग आज विदेशी कंपनियों से जासूसी करवा रहे हैं, वे ना तब सफल हुए थे ना अब होंगे।
इसी तरह पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि पेगासस के जरिए देशवासियों की जासूसी का जो मामला सामने आया है, वो बेहद गंभीर और निंदनीय है। पायलट ने कहा कि जासूसी किए गए लोगों की सूची में राहुल गांधी का भी नाम सामने आया है, जो कि निजता के हनन के साथ लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी गहरा आघात है। उन्होंने कहा कि इस गंभीर मुद्दे की निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए।