जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना महामारी के कारण आमजन के लिए बंद किए गए धर्म स्थलों को पुनः खोलने के लिए आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी धर्मों के धर्म गुरूओं, संत-महंतों, धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर इसके लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने का निर्णय लिया।
गहलोत ने कहा कि यह कमेटी धार्मिक स्थलों की स्थिति, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजेशन सहित अन्य हैल्थ प्रोटोकॉल के साथ संक्रमण से बचाव के विभिन्न उपायों पर विमर्श कर धर्म स्थलों को खोलने के संबंध में सुझाव देगी।
कमेटी में पुलिस अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ ही सभी धर्मों के धर्मगुरू, जिले के प्रमुख धार्मिक स्थलों के मुख्य महंत, ट्रस्टी एवं व्यवस्थापक सदस्य के रूप में शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना के मामले जैसे ही सामने आए, राज्य सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए धर्म गुरूओं, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, उद्यमियों सहित सभी वर्गों को साथ लिया।
हमें गर्व है कि सभी ने प्रशासन का पूरा सहयोग किया और राजस्थान में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में रही। पूरे देश में इसकी सराहना हो रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है, ऐसे में धर्म स्थलों को फिर से खोले जाने में आप सबके सुझाव महत्वपूर्ण हैं।
गहलोत ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं कई विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले समय में कोरोना की स्थिति और विकट हो सकती है, ऐसे में हमें पूरी तरह सजग और सतर्क रहना होगा।
उन्होंने धर्म गुरूओं, संत-महंत एवं धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों से अपील की कि उन्होंने जिस तरह अब तक इस चुनौती से निपटने में अपनी प्रभावी भूमिका निभाई है, आगे भी लोगों को हैल्थ प्रोटोकॉल सहित अन्य नियमों की पालना के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा कि धर्म गुरूओं के संदेश का समाज में एक अलग प्रभाव होता है।