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अब क्वारेंटाइन हमारा टॉप एजेंडा : अशोक गहलोत - Sabguru News
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अब क्वारेंटाइन हमारा टॉप एजेंडा : अशोक गहलोत

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अब क्वारेंटाइन हमारा टॉप एजेंडा : अशोक गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि सभी के सहयोग से कोरोना को हराने में कामयाब होंगे और देश के अन्य राज्यों से लाखों की तादाद में लोग लौट रहे हैं, ऎसे में गांवों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए क्वारेंटाइन हमारा टॉप एजेंडा रहेगा।

गहलोत कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में सभी को साथ लेकर चलने तथा सभी पार्टियों के जनप्रतिनिधियों से संवाद की कड़ी में मंगलवार को जयपुर और अजमेर संभाग के सांसदों एवं विधायकोें से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि इसमें जिला प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों खासकर विधायकों की बड़ी भूमिका रहेगी। वे इसे चुनौती के रूप में लें और हमारे प्रदेश को सुरक्षित रखने का दायित्व निभाएं। उन्होंने कहा कि दो दिन तक कुल 21 घंटे तक यह मंथन चला। इस दौरान लगभग सभी जनप्रतिनिधियों ने अतिरिक्त गेहूं के आवंटन, पेयजल समस्याओं, सभी प्रकार की दुकानों को खुलवाने, मजदूरों के शीघ्र एवं सुगम आवागमन, मनरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्र में रोजगार योजना शुरू करने जैसे सुझाव प्रमुख रूप से दिए।

उन्होंने कहा कि क्वारेंटाइन के लिए कलेक्टरों के साथ जिला स्तरीय अधिकारियों, उपखंड अधिकारियों एवं बीएलओ को विशेष जिम्मेदारी दी गई है ताकि ग्राम स्तर तक बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो सकें। शहरों से कोरोना गांवों में नहीं फैले, इसके लिए क्वारेंटाइन व्यवस्था का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। विधायकों को भी इसमें ध्यान देना होगा। क्वारेंटीन व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए कलेक्टरों को अनटाइड फण्ड में और राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण किसी जाति, धर्म अथवा दलगत राजनीति के दायरे को नहीं देखता। उन्होंने कहा कि सभी को साथ में लेकर हम प्रदेश में इस वायरस को हराने में जरूर कामयाब होंगे। राज्य सरकार ने कोविड-19 से मुकाबले में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया है।

लॉकडाउन लागू करने से लेकर प्रवासियों के आवागमन, जरूरतमंदों को मदद देने तथा सभी से संवाद रखने में राज्य सरकार ने लगातार आगे बढ़कर पहल की है। इसी का परिणाम रहा कि कोरोना से हम बेहतर ढंग से लड़ पा रहे हैं और दूसरे राज्य भी हमारा अनुसरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राशन वितरण, मरीजों के इलाज, कर्फ्यू में सख्ती एवं क्वारंटाइन सहित सभी सुविधाओं में किसी तरह का भेदभाव प्रदेश में नहीं किया जा रहा है।

गहलोत का मानना है कि प्रदेश में लगभग एक करोड़ ऎसे लोग संभावित हैं जिनके लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत केन्द्र से गेहूं का आवंटन नहीं हो रहा है। इसमें 54 लाख लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में जुड़े हुए हैं, लेकिन केन्द्र द्वारा 2011 की जनसंख्या के आधार पर 4 करोड़ 46 लाख लोगों के लिए ही गेहूं प्राप्त हो रहा है। इसके अलावा करीब 46 लाख लोग ऎसे हैं जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में या तो जुड़ने से छूट गए या जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। ऎसे लोग चाहे एपीएल हों या बीपीएल, वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए उन्हें भी गेहूं मिले।

उन्होंने कहा कि ऎसे लोग जिन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा था, उन्हें मई माह में राज्य सरकार ने एफसीआई से 21 रूपए प्रति किलो की दर से गेहूं खरीद कर प्रति व्यक्ति 10 किलो गेहूं निशुल्क उपलब्ध करवाया है। इस पर एक माह में 78 करोड़ रूपए खर्च हुए हैं।

प्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए अधिक समय तक इसे जारी रखना मुश्किल होगा, ऎसे में केन्द्र को खाद्य सुरक्षा योजना में प्रतिमाह एक लाख टन गेहूं अतिरिक्त आवंटित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी सांसद प्रधानमंत्री के समक्ष इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएं। सीकर सांसद स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती ने कहा कि कोरोना संकट में राज्य के सभी सांसद सरकार के साथ खड़े हैं और वे इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के समक्ष रखेंगे।

गहलोत ने कहा कि कोरोना के शुरूआती दौर में ही हमारी सरकार ने सबके सुझावों को शामिल कर कार्ययोजना बनाई और अहम फैसले लिए। प्रदेश में अभी तक 1 लाख 85 हजार से अधिक सैम्पल लिए गए हैं। प्रति 10 लाख जनसंख्या पर राजस्थान में 2213 टेस्ट किए जा रहे हैं जो अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक हैं। उन्होंने कहा कि मई के अंत तक टेस्ट क्षमता 25 हजार प्रतिदिन कर ली जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पास बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया है और बाहर से आने वाले प्रवासियों के लिए विस्तृत गाइडलाइन 11 मई को जारी की गई है ताकि उन्हेें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रवासी श्रमिक अपने गृह स्थान जाने के लिए सड़क पर पैदल नहीं निकले। राज्य सरकार ने उनके लिए बसों और ट्रेनों की व्यवस्था की है। साथ ही विभिन्न स्थानों पर कैम्प की भी व्यवस्था की गई है।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया, विधायक सतीश पूनिया सहित दोनों संभागों के सांसद-विधायक वीसी से इस चर्चा में शामिल हुए। मंत्रियों ने जिलों के प्रभारी एवं अपने क्षेत्र के विधायक के रूप में फीडबैक और सुझाव दिए।

सांसदों एवं विधायकों ने कोरोना के चलते कई समस्याओं को उठाया

राजस्थान में सांसदों एवं विधायकों ने कोरोना संक्रमण के चलते राज्य में लोगों को हो रही समस्याओं को उठाया और राज्य सरकार से उनकेे निदान की मांग की।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सांसदों एवं विधायकों के साथ संवाद किया और इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिए तथा विभिन्न समस्याओं को उठाया। विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता गुलाब चंद कटारिया ने दो प्रतिशत मंडी शुल्क लगाने का मामला उठाते हुए कहा कि उदयपुर चित्तौड़गढ़ समेत सारी मंडियां फेल हो जाएंगी। सारा व्यापार गुजरात की तरफ चला जाएगा। उन्होंने मांग की कि इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को खोलने की जरूरत है और इसे तहसीलवार देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि लाकडाउन में सब्जी की आवाजाही को रोकना नहीं चाहिए। जबकि एक जगह चयनित कर सब्जी की गाड़ियों को सेनेटाइज तथा इससे संबंधित लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए ताकि वे वायरस से बच सके। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने भी कहा कि सब्जी की आवाजाही को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी उपज को घर लाने के लिए रोका नहीं जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज की तुलाई के संबंध में शिकायतों का निस्तारण तुरंत किया जाना चाहिए। सांसद रामकुमार वर्मा ने टोंक के मालपुरा घटनाक्रम में पीड़ित परिवार को पचास लाख रुपए की सहायता तथा नौकरी देने की मांग की । उन्होंने प्रवासी मजदूरों की समस्या भी उठाई।

विधायक निर्मल कुमावत ने खाद्य सामग्री को लेकर स्थानीय प्रशासन की शिकायत की। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से विधायक कोष की खाद्य सामग्री देरी से बंटी। उन्होंने पांच करोड़ से बने फुलेरा सीएचसी भवन को शुरू करने की मांग की। विधायक रामलाल शर्मा ने भी इसी तरह की शिकायत करते हुए कहा कि जिला प्रशासन अच्छा काम कर रहा है लेकिन उपखण्ड अधिकारी का सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्होंने सब्जी का उचित मूल्य दिलाने की मांग की।

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने राशन वितरण में भेदभाव के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जयपुर में राशन में भेदभाव नहीं हो रहा है। विधायक अमीन कागजी ने भी कहा कि राशन वितरण में कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है।

मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि इस समय विपक्षी नेताआओं को केंद्र से मदद लेकर आनी चाहिए। विधायक बाबूलाल नागर ने कहा कि कोरोना संदिग्ध या लक्षण दिखने पर सैम्पल लेते ही संबंधित व्यक्ति को वहां की उच्च प्राथमिक विद्यालय को संस्थागत क्वारेंटाइन बना कर रखना चाहिए ताकि जब तक रिपोर्ट आए वायरस दूसरे लोगों में नहीं फैले।