अजमेर/जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना से बचाव के उपायों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए कोविड-19 जागरुकता अभियान की शुरुआत करते हुए कहा है कि लाकडाउन में छूट काम धंधे करने के लिए दी गई है लेकिन कोरोना के प्रति सावधानियों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए अभियान की शुरुआत की और कहा कि कोरोना से अभी खतरा टला नहीं है और इससे बचाव ही इसका उपाय है। अभियान की थीम भी खुद के स्वास्थ्य का खुद ख्याल रखना ही कोरोना से बचने का मुख्य उपाय है।
उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए सैंपलिंग की संख्या बढाई गई है और हर रोज 25 हजार से अधिक इसके टेस्ट किए जाने की क्षमता विकसित कर ली गई और जल्द ही प्रतिदिन चालीस हजार टेस्ट करने की क्षमता भी पा ली जाएगी।
उन्होंने कहा कि हमने पडौसी राज्यों को भी लिखा है कि प्रदेश हर दिन पांच हजार टेस्ट करके उनकी भी सहायता कर सकता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोरोना की मृत्यु दर भी सबसे कम है। देश में चार लाख 25 हजार कोरोना संक्रमित हैं और 13 हजार 700 लोगों की मौत हो चुकी है। राजस्थान में कोरोना संक्रमितों की संख्या 14 हजार से अधिक है और अब तक 349 लोगों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि कोरोना से मुकाबला करने में राजस्थान से सबसे पहले कदम उठाए हैं और कोरोना को हराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस दौरान राज्य की जनता का सहयोग रहा। पुलिस की भी अच्छी भूमिका रही तथा जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग रहा।
उन्होंने कहा कि कोरोनो से लड़ने के लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि लाकडाउन में बड़ी संख्या में प्रवासी लाेग आए जिनमें चार हजार से अधिक कोरोना संक्रमित पाए गए। उनके क्वारंटाइन में सभी का अच्छा सहयोग रहा।
अजमेर में प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन भाया ने दिखाई हरी झंडी
अजमेर में खान एवं गोपालन तथा जिले के प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कोरोना महामारी संक्रमण से बचाव के लिए अभियान का विधिवत शुभारंभ किया। मंत्री भाया ने सूचना केन्द्र में जागरूकता प्रदर्शनी का उदघाटन करने के बाद कलेक्ट्रेट परिसर में जागरूकता वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। प्रभारी मंत्री ने जिले में कोरोना महामारी से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों तथा अन्य विकास कार्यो की समीक्षा बैठक ली।
सवाल जो अनुत्तरित हैं?
नुक्कड़ नाटक याने नुक्कड़ पर भीड़, लोगों का एक जगह पर जुटना। कोरोना से बचने के लिए भीड़ होनी नहीं चाहिए। जब नुक्कड नाटक होगा तब महामारी अधिनियम के अंतर्गत एक स्थान पर तीन से अधिक कैसे एकत्र होंगे? क्या तब प्रदेश की पुलिस कार्रवाई नहीं कारेगी?
एक तरफ लोग अखबार घर मंगवाने को भी जोखिम जैसा मान रहे हैं। ऐसे में राजस्थान सरकार पेम्पलेट्स बंटवाएगी? जो लोग पेम्पलेट्स बांटेंगे उनको लेकर क्या योजना है, क्या उन सभी की प्रतिदिन स्क्रीनिंग हो सकेगी, क्या सरकार यह गारंटी लेने को तैयार है कि उनके इस कृत्य से लोगों को जानकारी के साथ कोरोना नहीं बंटेगा?