जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मीडिया पर की गई टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा है कि मीडिया तो अपना धर्म निभाएगा ही, लेकिन अपनी असफलताओं को लेकर वह मीडिया को धमकाना बंद करें।
डा पूनिया ने आज जारी बयान में कहा कि सरकार की सफलता और असफलताओं को उजागर करके मीडिया लोकतंत्र को मजबूत करने का काम करता है, लिहाजा वह लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाता है। गहलोत ने मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करके चौथे स्तम्भ पर वार किया है, जिस पर गहलोत को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने नोटिस भेजकर जिसमें दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
उन्होंने कहा कि गहलोत पहले मुख्यमंत्री हैं, जिनसे प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने उनके बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है, जिससे लगता है कि गहलोत सरकार से मीडिया की आजादी को खतरा है। खुद को गांधीवादी विचारधारा का नेता बताने वाले गहलोत का यह बयान बेहद निराशाजनक है।
गहलोत ने कहा कि सरकार पूर्ण रूप से असफल हो और राज्य के हालात इतने खराब हो जाएं तो मुख्यमंत्री को शासन ढंग से संभालना चाहिए न कि मीडिया को धमकाने जैसी ओछी हरकत करनी चाहिए। डॉ सतीश पूनिया ने कहा कि पिछले 13 महीनों में राजस्थान की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है, सरकार पूरी तरह से निष्क्रिय है।
अपराधों के मामलों में राजस्थान भारत के अग्रणी राज्यों में आ चुका है। लूट, बलात्कार, डकैती, हत्या जैसी घटनाएं और कई तरह के आपराधिक मामले रिकॉर्ड स्तर पर दर्ज हुए हैं, लेकिन गृहमंत्री रहते हुए अशोक गहलोत इन मामलों पर संवेदनशील नहीं दिखते।
डा पूनिया ने कहा कि कोटा सहित राजस्थान के अन्य जिलों में छोटे बच्चों की मौत के बावजूद भी स्वास्थ्य मंत्री बिल्कुल गंभीर नहीं दिखते और उन्हें यह मामला मामूली नजर आता है। किसानों को टिड्डियों के कारण बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ा, उनकी सारी फसलें चौपट हो गई, लेकिन मुख्यमन्त्री गहलोत किसानों की जेब टटोल कर आ जाते हैं, किसी प्रकार की राहत की घोषणा नहीं करते।