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राजे और शेखावत के आपस में मनमुटाव को जनता क्यों भुगते : गहलोत - Sabguru News
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राजे और शेखावत के आपस में मनमुटाव को जनता क्यों भुगते : गहलोत

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राजे और शेखावत के आपस में मनमुटाव को जनता क्यों भुगते : गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) मामले पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनमें और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे में अगर मनमुटाव है तो इसे जनता क्यों भुगते।

गहलोत राज्य सरकार के चार साल पूरे होने पर आज मुख्यमंत्री निवास पर प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी पर शेखावत लोगों को गुमराह करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा में ईआरसीपी के मुद्दे को उठाया और उसके दूसरे ही दिन शेखावत का बयान आ गया।

उन्होंने कहा कि राजे और शेखावत के क्या संबंध है, यह तो वे जाने, लेकिन ऐसे मामलों में आपस में मनमुटाव है तो जनता उसे क्यों भुगते। ईआरसीपी योजना राजे की शुरू की हुई थी और शेखावत को जल शक्ति विभाग बाद में मिला है, इसलिए अड़चन पैदा कर रहे होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ईआरसीपी योजना तेरह जिलों की है और इन जिलों में प्रदेश की 40 प्रतिशत लोगों की अनदेखी इन्हें सबक सिखा सकती है। उन्होंने कहा कि कोई रास्ता निकालकर इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाना चाहिए।

गहलोत ने कहा कि राजस्थान ने पच्चीस सांसद जीता कर भेजे हैं। क्या वे ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करवा सकते। उन्होंने कहा कि भाजपा में माहौल बड़ा खतरनाक है। उसके सांसद प्रधानमंत्री के सामने अपनी बात ही नहीं रख पाते होंगे। भाजपा के सांसद कहते हैं कि हम तो केवल नाम के सांसद हैं। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में नाम के सांसद हो, काम के नहीं हो तो, सोचो क्या स्थिति बनती होगी।

एक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस में कोई विवाद है ही नहीं। हमारे बीच तो प्यार मोहब्बत की बातें होती हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की कि उसे देश में सोशल सेकुरिटी के तहत महीने में बुजुर्ग, दिव्यांग, महिलाएं इन सबको पेंशन के रुप में पैसा मिले। इसके लिए उसे एक जैसी नीति बनानी चाहिए और सरकार को इसके लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार करीब एक करोड़ लोगों को पेंशन दे रही है जबकि केन्द्र सरकार केवल दो सौ रुपए पेंशन के रुप में और वह भी मात्र 15-20 लाख लोगों को ही दे रही है।