जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को वेबिनार के जरिए देशी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ राज्य में पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि राज्य में एचपीसीएल और राजस्थान सरकार द्वारा बाड़मेर में विकसित की जा रही एचपीसीएल राजस्थान रिफायनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स का काम तीव्र गति से हो रहा है। इसके द्वारा उत्पादित पेट्रोकेमिकल से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (रीको) द्वारा रिफायनरी के पास पेट्रोलियम, केमिकल, पेट्रोकेमिकल निवेश क्षेत्र (पीसीपीआईआर) विकसित किया जा रहा है।
इस क्षेत्र में स्थापित इकाइयों को रिफायनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स के उत्पाद जैसे पॉलीएथिलीन, पोलिप्रोपीन, आदि सहज उपलब्ध होंगे, इसे लेकर देश विदेश की पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल से संबंधित कई बड़ी कम्पनिया निवेश को इच्छुक हैं। गहलोत वेबीनार में निवेश संभावनाओं और विकास पर विचार विमर्श करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स से उत्पादित होने वाले बहुप्रकार के रसायनों की स्थानीय उपलब्धता के साथ राज्य सरकार अपनी नीतियों के जरिए देश विदेश के निवेशकों को आकर्षित कर रही है। राजस्थान सरकार ने अपनी उद्योगिक नीति में पेट्रोलियम, केमिकल और पेट्रोकेमिकल को थ्रस्ट एरिया (विशेष प्राथमिकता) में शामिल किया है।
राजस्थान सरकार ने अपनी उद्योग नीति में पेट्रोकेमिकल्स को शामिल किया है और सरकार प्लांट और मशीनरी पर 25 प्रतिशत तक पूंजी निवेश सब्सिडी (अधिकतम 0.5 करोड़ रुपए ) या 5 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी 5 साल (अधिकतम 0.25 करोड़ प्रति वर्ष) तक हो सकती है। 100 करोड़ रुपए से अधिक और 200 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार देने वाले निवेश प्रस्ताव कस्टमाइज पैकेज के लिए भी आवेदन कर सकेंगे।
सूत्रों ने बताया कि पीसीपीआईआर का पहला चरण रिफायनरी से नौ किलोमीटर दूर 243 हेक्टेयर में विकसित किया गया है। इस चरण के औद्योगिक क्षेत्रों की नीलामी इस वर्ष शुरू होनी है और देश विदेश की कई बड़ी पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल कंपनी इसमें निवेश की इच्छुक हैं। वेबिनार में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों जैसे कि शेल, एक्सॉनमोबिल, मित्सुबिशी कॉर्पोरेशन, वेकर पॉलिमर, पेट्रो चाइना और भारतीय कंपनियों जैसे रिलायंस, वेदांता, एसआरएफ आदि के प्रतिनिधि भाग लेंगे।