जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का आज फिर आग्रह किया।
गहलोत मुख्यमंत्री निवास से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण समारोह में भाग लेते हुए आज यह आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता बेहद जरूरी है। राज्य सरकार अपने संसाधनों से ईआरसीपी के कार्य को आगे बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें, ताकि कार्यों को गति मिले और आमजन को समयबद्ध पानी उपलब्ध हो सके।
उन्होंने कहा कि ईआरसीपी मुद्दा बना हुआ है और इससे पूरे 13 जिलों की प्यास बुझेगी। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इस पर अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय के अंतराल पर प्रधानमंत्री का राजस्थान में दूसरी बार आना हमारे लिए सौभाग्य की बात है और इससे विकास को और गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्सप्रेस-वे के साथ चार राष्ट्रीय राजमार्गों का कार्य उल्लेखनीय है। उन्होंने एक्सप्रेस-वे को जयपुर से जोड़ने को उपयोगी बताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में नई सड़कों के निर्माण के साथ-साथ सुदृढ़ीकरण के कार्य कराए जा रहे हैं। गत चार साल में 54 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण कराया गया है वहीं 46 हजार किमी सड़कों का निर्माण प्रगतिरत है। इन कार्यों से राजस्थान के आर्थिक और औद्योगिक विकास को अधिक गति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इसी वर्ष बजट में सड़क एवं आधारभूत विकास के लिए लगभग 20 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। राजस्थान की बेहतर सड़क कनेक्टिविटी से ही औद्योगिक विकास अच्छा हुआ है। इसी का परिणाम है कि राजस्थान 11.04 प्रतिशत जीडीपी विकास दर के साथ देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि इन्वेस्ट राजस्थान में 11 लाख करोड़ रुपए के एमओयू, एलओआई होने से विकास बढ़ेगा।
गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान की 50 सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के संदर्भ में गजट नोटिफिकेशन शीघ्र जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जयपुर रिंग रोड, जोधपुर एलिवेटेड रोड, लालसोट-पचपदरा रोड एवं हनुमानगढ़-साधुवाली रोड की डीपीआर एनएचएआई तैयार कर रहा है। इनका निर्माण शीघ्र शुरू कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पचपदरा में रिफाइनरी विकसित होने से एवं अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे निर्मित होने से जोधपुर से पचपदरा तक यातायात का दबाव बढ़ेगा। इसलिए जोधपुर एवं पचपदरा रिफाइनरी को अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे से जोड़े जाने के लिए छह लेन सड़क बनाई जाए।