नागौर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नागौर जिले के डीडवाना-कुचामन सहित 19 नए जिले बनाने की घोषणा से प्रदेश में खुशी की लहर बताते हुए कहा है कि इससे प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण होगा और राज्य के विकास का हमारा सपना पूरा होगा।
गहलोत रविवार को नागौर के मौलासर में महंगाई राहत कैंप, किसान सम्मेलन और विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक ईकाईयां बढ़ने से जटिलताएं कम होगी। समयबद्ध कार्य पूरे होने से जिले का बेहतर विकास प्रबंधन हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाएं चुनावी नहीं, प्रत्येक योजना स्थायी है और वर्ष 2030 तक राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाना ही लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक ईकाईयां बढ़ने से जटिलताएं कम होगी। समयबद्ध कार्य पूरे होने से जिले का बेहतर विकास प्रबंधन हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गहन अध्ययन के बाद ही जनकल्याणकारी योजनाएं लागू की है। महंगाई राहत कैम्पों में 10 योजनाओं के रजिस्ट्रेशन से मिले मुख्यमंत्री गारंटी कार्ड से आमजन को राहत मिलेगी। राज्य सरकार की यह योजनाएं चुनावी नहीं हैं। प्रत्येक योजना स्थायी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 2 अक्टूबर 1959 को नागौर से ही पंचायती राज व्यवस्था का दीपक प्रज्ज्वलित किया था। यहां के किसानों ने उसे सुदृढ़ करने का कार्य किया। इसलिए नागौर जिला किसानों का सिरमौर है। उन्होंने कहा कि किसान हितैषी राज्य सरकार ने सत्ता में आते ही 22 लाख किसानों का कर्जा माफ किया।
अलग से कृषि बजट पेश कर सर्वांगीण विकास में कई योजनाएं लागू की। अब उन्हें 2000 यूनिट प्रतिमाह निःशुल्क बिजली मिलेगी, जिससे आर्थिक सम्बल मिलेगा। श्री गहलोत ने कहा कि जब केंद्र सरकार उद्योगपतियों के करोड़ों रुपए माफ कर सकती है तो किसानों के क्यों नहीं।
गहलोत ने कहा कि निरोगी राजस्थान की संकल्पना को साकार करने के लिए कानून बनाकर स्वास्थ्य का अधिकार (आरटीएच) लागू किया गया। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 25 लाख रुपए का निशुल्क इलाज, निशुल्क जांचें व दवाईयां का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है।
गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने महिलाओं को चुनावों में आरक्षण दिलाया, जिससे उन्हें प्रतिनिधितत्व मिला। राज्य सरकार भी उसी दिशा में कदम बढ़ा रही है। रक्षाबंधन से तीन साल की इंटरनेट सेवा के साथ महिलाओं को मोबाइल वितरित किए जाएंगे, जिनके जरिए वे योजनाओं का लाभ भी उठा सकेंगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के तहत अब न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए की गई है। केंद्र सरकार को भी पूरे देश में एक समान सामाजिक सुरक्षा कानून लागू करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानवीय दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लागू करने का क्रांतिकारी फैसला लिया गया। इससे सरकारी कार्मिकों का भविष्य सुरक्षित होगा। राजस्थान की तरह केंद्र सरकार को पूरे देश में ओपीएस फिर शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती बेरोजगारी के बीच प्रदेश के युवाओं को 1.50 लाख सरकारी नौकरियां दी जा चुकी है, इतनी ही प्रक्रियाधीन है और एक लाख की बजट घोषणा की गई है। प्रक्रिया शीघ्र शुरू हो जाएगी।
गहलोत ने मौलासर पहुंचने पर महंगाई राहत कैंप का निरीक्षण किया। उन्होंने लाभार्थियों से योजनाओं के बारे में पूछा। बुजुर्ग लाभार्थी मोहनी देवी ने कहा कि ‘नीत साफ तो सब साफ है। थाने खूब धन्यवाद। थै ही माई-बाप हो। इस पर गहलोत ने कहा कि मैं तो आपका बेटा हूं। एक लाभार्थी ने कहा कि बिजली बिल कम होने से राहत मिलेगी।
इसके बाद गहलोत ने लाभार्थियों को महंगाई से राहत देने वाले मुख्यमंत्री गारंटी कार्ड सौंपते हुए अन्य योजनाओं के लाभ लेने और अन्य लोगों को भी जागरूक करने के लिए आह्वान किया। विद्यार्थियों से मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के चैक सौंपे। मुख्यमंत्री का कार्मिकों ने ओपीएस और वीरांगनाओं ने विभिन्न योजनाओं के लिए आभार व्यक्त किया।
समारोह को राजस्थान एग्रो इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बोर्ड अध्यक्ष रामेश्वर डूडी, पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधायक चेतन डूडी, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी संबोधित किया।
लोकार्पण और शिलान्यास की लगाई झडी
इस मौके मुख्यमंत्री ने 31 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया जिसमें 153.17 करोड़ रुपए की लागत से अतिरिक्त जिला कलक्टर कार्यालय के नवीन भवन का निर्माण, डीडवाना- 3 करोड़ रुपए उपखंड कार्यालय सह तहसील कार्यालय के नवीन भवन का निर्माण कार्य, डीडवाना- 3.51 करोड़ रुपए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मण्डूकरा का निर्माण कार्य- 3.49 करोड़ रुपए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सानिया और सिंघाना का निमार्ण कार्य- 2.86 करोड़ रुपए उप स्वास्थ्य केंद्र कापडोद, खुडी निम्बी, कीचक, बड़ी छापरी, खातीया बासनी, भोपजी का बास, ढाकी की ढाणी, किशनपुरा और कुडोली के निर्माण कार्य- 2.78 करोड़ रुपए,सीएचसी मौलासर में लैब कक्ष, रिहेबिलेशन सेंटर, स्टोर, सभागार, चार दीवारी, टैंक कार्य- 40 लाख रुपए मातृ नवजात शिशु सुरक्षा ईकाई बांगड़ अस्पताल डीडवाना का निर्माण कार्य- 62.37 लाख रुपए एकीकृत विद्युत विकास योजना में सिंधी तलाई 33 के.वी.जीएसएस कार्य- 1.75 करोड़ रुपए 33/11 केवी जीएसएस बरांगना, खोजास और दुदौली के कार्य- 6.06 करोड़ रुपए,132 के.वी. जीएसएस. खरवालिया कार्य- 22.90 करोड़ रुपए कृषि महाविद्यालय मौलासर- 8.81 करोड़ रुपए कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, छोटी खाटू- 4.42 करोड़ रुपए, नवसृजित आई.टी.आई. मौलासर का निर्माण- 10.45 करोड़ रुपए, अम्बेडकर भवन निर्माण कार्य मौलासर- 49 लाख, एकीकृत सैनिक कल्याण परिसर, डीडवाना- 6.78 करोड़ रुपए, पशु चिकित्सालय, खुनखुना के भवन निर्माण कार्य- 25.31 लाख रुपए, मौलासर एवं तोषिणा में बाईपास निर्माण कार्य- 15.84 करोड़ रुपए, एसएच-19 मण्डूकरा से एनएच-458 रताउ तक सड़क निर्माण कार्य- 58.01 करोड़ रुपए, शहीद स्मारक डाबड़ा (मौलासर) के विकास कार्य- 50 लाख रुपए, खेल स्टेडियम निर्माण मौलासर- 23.98 लाख रुपए शामिल हैं।