252 करोड़ रुपए की लागत से तैयार एलीवेटेड रोड़ का किया लोकार्पण
अजमेर/जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आमजन को महंगाई की मार से बचाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य में महंगाई राहत कैम्पों के माध्यम से 10 योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। गहलोत शुक्रवार को अजमेर में महंगाई राहत कैम्प के अवलोकन के दौरान जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आमजन के उत्थान के लिए कृत संकल्प होकर कार्य कर रही है। उन्होंने केन्द्र सरकार से देशभर में सामाजिक सुरक्षा कानून लागू करने का आग्रह किया।
252 करोड़ रुपए की लागत से बने एलीवेटेड रोड का लोकार्पण
गहलोत ने अजमेर में 252 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित एलीवेटेड रोड का लोकार्पण किया। इसमें पुरानी आरपीएससी से गांधी भवन के मध्य एक तरफा यातायात के लिए 2 लेन सड़क एवं मार्टिण्डल ब्रिज से आगरा गेट तक दो तरफा यातायात के लिए 4 लेन सड़क सहित कुल 2.89 कि.मी. लम्बाई की सड़क निर्मित की गई है। इस एलीवेटेड रोड से शहर के हजारों लोगों को प्रतिदिन यातायात की समस्या से निजात मिल सकेगी।
महंगाई राहत कैम्प से हर वर्ग को मिल रहा लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के इस प्रयास से आमजन के चेहरों पर खुशी है। प्रदेशवासियों को 500 रुपए में गैस सिलेण्डर, 25 लाख रुपए तक का निःशुल्क इलाज, 10 लाख रूपए का दुर्घटना बीमा, सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत न्यूनतम 1000 रुपए पेंशन, कामधेनु योजना के तहत दुधारू पशुओं का बीमा, अन्नपूर्णा फूड किट, मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना तथा घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 100 यूनिट एवं कृषि उपभोक्ताओं के लिए 2000 यूनिट बिजली निःशुल्क दिए जाने जैसी योजनाएं लागू की गई है। उन्होंने कहा कि इन 10 योजनाओं से राज्य के हर परिवार को महंगाई से लड़ने की ताकत मिल रही है। इस दौरान श्री गहलोत ने कैम्प में उपस्थित लाभार्थियों से भी संवाद किया।
रक्षाबंधन पर महिलाओं को इंटरनेट डेटा युक्त मोबाइल की सौगात
गहलोत ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में राजस्थान अग्रणी है। महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं शुरू की गई है। इसी कड़ी में अब राज्य सरकार 1.35 करोड़ महिलाओं को 3 साल की इंटरनेट सुविधा के साथ मोबाइल फोन निःशुल्क देने जा रही है। प्रथम चरण में रक्षाबंधन पर मोबाइल फोन दिए जाएंगे।
इस अवसर पर आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़, स्वैच्छिक क्षेत्र विकास संस्थान के अध्यक्ष मुमताज मसीह, वृद्धजन कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष राजेश टंडन, विधायक सुरेश टांक, अजमेर डेयरी अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी, पूर्व विधायक गोपाल बाहेती सहित कई जनप्रतिनिधि तथा आमजन उपस्थित रहे।
अशोक गहलोत का हेलीपैड पर किया स्वागत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का हेलीपैड पर नेता प्रतिपक्ष नगर निगम अजमेर द्रौपदी कोली ने पार्षदों की ओर से सूत की माला पहनाकर स्वागत करते हुए उन्हें आमजन की समस्याओं से अवगत कराया। बीपीएल परिवारों को इंदिरा गांधी गैस सब्सिडी योजना में रजिस्ट्रेशन पर आ रही परेशानी से अवगत कराया। एपीएल श्रेणी के परिवारों को जो आर्थिक रूप से पिछड़े में हैं उन्हें फूड किट देने, 1975 से पूर्व की कच्ची बस्ती में निवास कर रहे लोगों को 69क में पट्टे देने, एडीओ की 48 कच्ची बस्तियों को निगम द्वारा लेने में आनाकानी से अवगत कराया।
इस अवसर पर पार्षद लक्ष्मी बुंदेल, बीना टांक सहित निर्वाचित एवं मनोनीत पार्षदगण कल्पना भटनागर, विजय नगोरा, हरिप्रसाद जाटव, पुनीत सांखला, शमसुद्दीन, धीरज बुंदेल, गायत्री, पूर्णिमा बुंदेल इत्यादि कार्यकर्ता मौजूद थे।
महंगाई राहत कैंप कांग्रेस सरकार का दिखावा है : सोनी
भारतीय जनता पार्टी अजमेर शहर अध्यक्ष रमेश सोनी ने कहा है कि वर्तमान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार द्वारा प्रदेश में जनता को गुमराह एवं भ्रम जाल में फंसा कर जो राहत कैंप आयोजित किए जा रहे हैं वह केवल मात्र कांग्रेस सरकार का दिखावा एवं ढोंग है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आज अजमेर दौरे पर जारी बयान में उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इन राहत शिविरों में जारी की गई 10 योजनाओ मे से अधिकांश पूर्व में ही जारी थी। वर्तमान में इन राहत शिविरों से जनता को किसी प्रकार का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। राज्य सरकार द्वारा विगत साढ़े चार सालों में आठ बार बिजली की दरों में बढ़ोतरी की गई है।
इसके अतिरिक्त विद्युत स्थाई शुल्क, फ्यूल सरचार्ज, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, मेंटेनेंस चार्ज नगरीय उपकर एवं सिक्योरिटी चार्ज के नाम पर विभिन्न प्रकार के टैक्स लगाकर विद्युत उपभोक्ताओं को ठगा जा रहा है और राहत शिविरों के माध्यम से 100 यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा कर झूठी वाहवाही लूटने का कृत्य किया जा रहा है। यह केवल आभासी छूट है, प्रदेश की 70 प्रतिशत जनता मध्यम वर्गीय परिवार से है जिनका औसतन विद्युत व्यय 200 से 250 यूनिट आता है जिस वर्ग को किसी प्रकार का लाभ नहीं प्राप्त होगा।
माली-सैनी समाज के व्यक्ति को सौंपे कांग्रेस कमेटी की कमान
मुख्यमंत्री के आगमन पर अजमेर जिला माली सैनी समाज की ओर से कांग्रेस से जुडे प्रतिनिधियों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा तथा अजमेर जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष पद पर माली समाज के किसी व्यक्ति को नियुक्त करने की मांग उठाई। ज्ञापन में बताया कि अजमेर जिले में माली सैनी समाज की जनसंख्या करीब 15 लाख है। अकेले अजमेर शहर में 55 से 60 हजार माली हैं।
इसके बावजूद कांग्रेस ने अब तक कभी माली समाज का विधायक, सांसद, जिला प्रमुख, नगर निगम चैयरमेन, एडीए अध्यक्ष, बनने का मौका नहीं दिया। जबकि माली समाज ने वर्षों तक कांग्रेस का साथ निभाया है। पार्टी के नकारात्मक रवैये केे फलस्वरूप धीरे धीरे लोगों का झुकाव भाजपा की ओर बढता जा रहा है। कांग्रेस समर्थित माली समाज के नेता आपको दुबारा मुख्यमंत्री के रूप में काबिज करना चाहते हैं। लेकिन अनदेखी के चलते समाज का कांग्रेस से जुडाव कम होता जा रहा है।
ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में हेमराज खारोलिया, महेश चौहान, पार्षद सुनीता चौहान, चेतन सैनी, एडवोकेट बबीता टांक समेत माली समाज के कई गणमान्यजन शामिल थे।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के उद्घाटन में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा
नगर निगम उपमहापौर नीरज जैन ने जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ऐतिहासिक सांस्कृतिक व धार्मिक नगरी राजस्थान की ह्रदय स्थली अजमेर को वर्ष 2016 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत विश्व स्तर के महानगरों के स्तर पर विकास करने के लिए चयन कर प्रोजेक्ट के अंतर्गत अनेक विकास कार्य प्रारंभ किए गए लेकिन इन विकास कार्यों में प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के विपरीत 2018 से राजस्थान में कांग्रेस सरकार व इनके प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा हमेशा जनप्रतिनिधियों सांसद, विधायक, महापौर, उपमहापौर की उपेक्षा करते हुए इन विकास कार्यों में कभी भी राय व सहयोग नही लिया गया जिसका सीधा सीधा प्रभाव राजस्थान सरकार और प्रशासन की मनमर्जी व पारदर्शिता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।
आज अशोक गहलोत मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार ने कई खामियां युक्त बिना सुरक्षा जांच प्रमाण पत्र लिए एलिवेटेड रोड का आम नागरिकों के लिए खोलने के लिए उद्घाटन किया लेकिन खेद के साथ लिखना पड़ रहा है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने ना तो मुझे और ना ही इस क्षेत्र के निर्वाचित पार्षदों को आमंत्रित नहीं किया, जबकि नगर निगम अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का महत्वपूर्ण अंग है एवं देश भर में म्युनिसिपल क्षेत्र में किए किसी भी शिलान्यास एवं उद्घाटन में शिला पट्टिका में जन प्रतिनिधि होने के नाते नाम उद्धृत होता है।
प्रजातंत्र में प्रशासन का यह सोच उचित नहीं है। प्रशासनिक अधिकारी जिस मानसिकता से यह कार्य करते हैं तो सर्वदा निंदनीय है माननीय मुख्यमंत्री से विशेष आग्रह है कि प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दे कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि ही सर्वोपरि होता है एवं भविष्य इस प्रकार का कोई कृत्य ना करें।