अजमेर। राजस्थान की पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने विद्युत बिलों के संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा की गई घोषणा को हकीकत से परे बताया है।
भदेल ने आज यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि अजमेर के विद्युत उपभोक्ताओं की शिकायत पर वह मेयो कॉलेज विद्युत कार्यालय पहुंची जहां विभाग बिल जमा करते समय पेनल्टी सहित पूरा बिल वसूल कर रहा है जो कि शर्मनाक और भर्तस्ना करने योग्य है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री स्वयं कह चुके हैं कि 31 मई तक विद्युत बिलों पर कोई पेनल्टी नहीं की जाएगी तो विद्युत विभाग जनता के साथ अन्याय क्यों कर रहा है।
उन्होंने बताया कि वह जब बिल जमा करने वाले कार्मिक से मिली तो उसने बताया कि कंप्यूटर सोफ्टवेयर से जो राशि बताई जा रही है उससे वे कम नहीं ले सकते। इस पर उन्होंने टाटा पावर के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने जवाब दिया कि अजमेर विद्युत वितरण निगम के एमडी की ओर से पूरी राशि वसूलने के निर्देश हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब मार्च, अप्रेल, मई के बिल कोरोना महामारी के चलते स्थगित किए जा चुके हैं फिर दो प्रतिशत पेनल्टी वसूली क्यों की जा रही है।
भदेल ने कहा कि देश में उत्तरप्रदेश व पंजाब जैसे राज्यों ने विद्युत बिलों से स्थाई शुल्क हटाकर महामारी के दौरान जनता को बड़ी राहत दे रही है और भाजपा संगठन ने भी अपनी मांग में बिजली-पानी बिलों के घरेलू उपयोग वाले बिलों को माफ करने की मांग की। इसके बावजूद राजस्थान में जनता से राशि वसूली जा रही है।