

रायपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा के डर करके सीबीआई पर राज्य में जांच पर प्रतिबन्ध लगाने के आरोपो पर पलटवार करते हुए आज कहा कि मौत से तो वह डरते नही, सीबीआई से कहां डरने वाले है।
बघेल ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कान्फ्रेंस में राज्य सरकार के बगैर अनुमति के सीबीआई के जांच पर कल लगाए प्रतिबन्ध पर पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह के लगाए आरोपो पर यह कड़ी टिप्पणी करते हुए खुलासा किया कि जिस प्रतिबन्ध पर वह हाय तौबा मचा रहे है,उसका पत्र उनकी सरकार ने ही 2012 में केन्द्र को भेजा था,लेकिन केन्द्र द्वारा इसे संज्ञान में लेकर वहां पूर्ववर्ती सहमति पर संशोधन की अधिसूचना जारी नही की गई।हालांकि इस पत्र को भेजने के बाद राज्य सरकार ने अपनी ओर से अधिसूचना जारी कर दी थी।
उन्होने कहा कि उनकी सरकार ने तो रमन सरकार के द्वारा 2012 में भेजे उसी पत्र को विधिवत रूप से केन्द्र को भेजा है।उन्होने कहा कि 2001 में भी राज्य मंत्रिपरिषद ने सीबीआई को जांच की अनुमति नही थी बल्कि तत्कालीन गृह सचिव विजयवर्गीय द्वारा पत्र के जरिए दे दी थी।रमन सरकार के समय भी सहमति वापस लेने का पत्र भी विशेष कर्तव्य अधिकारी रहे अशोक जुनेजा की तरफ से गया था।
बघेल ने कहा कि संघीय ढांचे में यह व्यवस्था हैं कि किसी राज्य में जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति आवश्यक है,एवं संविधान के अनुसार बाध्यकारी भी है।उन्होने कहा कि सीबीआई के आने पर प्रतिबन्ध नही लगाया गया है,लेकिन उसे जांच से पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ेगी।उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के किसी प्रकरण के सीबीआई जांच के आदेश का पालन तो वैसे ही बाध्यकारी है।