सबगुरु न्यूज-सिरोही। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान के अंतिम छोर पर स्थिति लोगों के हित से अपने अधिकारियों को नहीं जोड़।पा रहे हैं। लेकिन, भारत को जोड़ने के लिए भारत के अंतिम छोर कन्याकुमारी तक पहुंच गए थे।
हालत ये है कि उपखण्ड और नगर निकायों के अधिकारी भी अशोक गहलोत की मंशा को दरकिनार कर चुके हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास भले ही 100 तालों की चाबी होगी लेकिन अपने ही राज्य के अधिकारियों के पास गिरवी पड़ी जनता के हितों के 101 वे ताले की चाबी गहलोत अपने तीसरे कार्यकाल में भी नहीं ढूंढ पाए हैं। इसी ताले ने पिछली दो बार अशोक गहलोत को सत्ताच्युत किया था और जमीनी हालात बता रहे हैं कि इस बार भी करेगी।
-पीड़ित के पत्र में झलक रही है व्यथा
राजस्थान के अंतिम छोर पर स्थित माउंट आबू के लोगों के हितों को लेकर अशोक गहलोत सरकार के मातहत अधिकारी किस तरह से बेपरवाह हैं इसका उदाहरण माउंट आबू के उपखण्ड स्तर के अधिकारी और वहां के नगर पालिका के अधिकारी दिखा रहे हैं।
ये स्थानीय अधिकारी और इनके मातहत माउंट आबू के लोगों को किस तरह से प्रताड़ित कर रहे हैं ये व्यथा एक पीड़ित शैतानसिंह ने अपने पत्र में बताई है। माउंट आबू में पिछले करीब 35 सालों से है निर्माण और पुनर्निर्माण बन्द थे। शैतानसिंह ने सिरोही में सपरिवार धरना दिया। जिला कलेक्टर ने हस्तक्षेप करके वहां के उपखण्ड अधिकारी को इनकी समस्या के निस्तारण को कहा था।
शैतान सिंह द्वारा नगर पालिका आयुक्त, अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष को लिखे डिजिटल पत्र में उन्होंने बताया कि माउंट आबू में सरकार ने नए निर्माण/ पुनर्निर्माण की सभी बाधाएं दूर कर दी हैं। उनके निर्माण की पत्रावली को नगर पालिका की भवन निर्माण समिति ने अनुमोदित कर दी है। इसके बाद भी उन्हें परेशान करके किस कारण से नक्शा नहीं दिया जा रहा है कृपया इसका उल्लेख करके लिखित में जवाब भी दे देंवें। लेकिन, इसका कोई जवाब उन्ह नहीं दिया जा रहा है।
– कांग्रेस नेता की सरपरस्ती में अधिकारी कर रहे परेशान!
भारत जोड़ो यात्रा की आज प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। इसमें राहुल गांधी ने एक बच्ची के सवाल जवाब का हवाला देते हुए बताया था कि भारत का मतलब है कि हर व्यक्ति में हार्मनी। उनका तातपर्य था कि बिना किसी भेदभाव के विकास करता देश में रहने वाला हर व्यक्ति ‘भारत’ है।
लेकिन, भारत छोड़ो यात्रा के उद्घाटन में गए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज में माउंट आबू में लगाये उनके अधिकारी किस तरह भेदभाव कर रहे हैं इसका उदाहरण माउंट आबू है। कथित रूप से यहाँ कांग्रेस नेता के पुत्र को नियम विरुद्ध निर्माण करवाने वाले अधिकारी आम लोगों को बाथरूम की शीट बदलने और नाली का पाइप बदलने की अनुमति तक नहीं दे रहे हैं।
कथित रूप से इससे पहले यहां अधिकारियों की नियुक्ति का बीड़ा जोधपुर के ही कांग्रेस नेता के पुत्र ने ने उठा रखी थी, जिनका कि सबसे बड़ा अनियमित निर्माण यहाँ किया जा रहा है। लेकिन, इस बार कांग्रेस के स्थानीय नेता द्वारा नगर पालिका माउंट आबू में आयुक्त की नियुक्ति में हस्तक्षेप का नाम सामने आ रहा है। ये नेता सिरोही के कांग्रेस के एक पूर्व नेता के मुख्य प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं।
ऐसे में माउंट आबू में कांग्रेस नेताओं और आम आदमी के बीच में भेदभाव पूर्ण रवैये के मुख्य रूप से कांग्रेस के जोधपुर और सिरोही में प्रवासी नेता का प्रमुख योगदान सामने आ रहा है। भारत जोड़ो यात्रा के उद्देश्य से विपरीत राजस्थान के माउंट आबू में कांग्रेस नेताओं द्वारा विकास में भेदभाव का काम किया जा रहा है।