अजमेर/पुष्कर। विधायक सुरेश सिंह रावत की ओर से पूर्व भाजपा कार्यकाल में पुष्कर के युवाओं की उच्च शिक्षा की समस्या को गंभीरता से लेते हुए स्वीकृत, निर्मित, संचालित कराए गए राजकीय पुष्कर महाविद्यालय का लोकार्पण आज अजमेर कलेक्ट्रेट में वीसी के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं पुष्कर विधायक रावत ने किया। इस मौके पर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित तथा कॉलेज प्राचार्या मंजुला मिश्रा भी मौजूद रहे।
वीसी में विधायक रावत ने मुख्यमंत्री का ध्यान कालेज के प्रमुख मुद्दों की ओर आकर्षित करते हुए पुष्कर जैसी अध्यात्मिक तीर्थ नगरी के कॉलेज में संस्कृत विषय ना होने की तरफ आकर्षित कर अति शीघ्र नवीन संस्कृत विषय इसी शैक्षणिक वर्ष से चालू करने का प्रस्ताव रखा।
इसी के साथ विधायक रावत ने मुख्यमंत्री को बताया कि भाजपा कार्यकाल में पुष्कर कॉलेज निर्माण हेतु 3 करोड की राशि स्वीकृत कराई गई थी, जिसमें से अभी 1.36 करोड़ रुपए पीडब्ल्यूडी के पास अवशेष है। अतः इस राशि से पुष्कर कॉलेज के ही द्वितीय तल पर कक्षा कक्ष, हॉल, लैब निर्माण, पार्किंग शेड निर्माण, पाथवे निर्माण जैसी मूल सुविधाओं के निर्माण कार्य हेतु अविलंब स्वीकृति जारी किए जाने का प्रस्ताव भी रखा।
विधायक रावत ने मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया कि पुष्कर कॉलेज को 12:50 बीघा भूमि नियमानुसार आवंटन की फाइल डीडीआर जयपुर स्वायत शासन विभाग में लंबित है, जिसे शीघ्र निस्तारित कराकर भूमि कॉलेज प्रशासन को उपलब्ध कराई जाए।
यही नहीं विधायक रावत ने मुख्यमंत्री को पुष्कर कॉलेज की पानी की समस्या के निस्तारण के लिए स्वयं द्वारा हाथों-हाथ ट्यूबवेल की स्वीकृति देने एवं प्लांटेशन हेतु ट्री गार्ड उपलब्ध कराने की स्वीकृति जारी कर दिए जाने के संबंध में अवगत कराते हुए पुष्कर कॉलेज के सौंदर्यीकरण हेतू वन विभाग अथवा उद्यान विभाग द्वारा प्लांटेशन कार्य करवाने एवं तारबंदी कार्य करवाने का प्रस्ताव भी रखा।
ज्ञात हो कि, विधायक रावत के प्रयासों से भवन निर्माण के लिए साल 2014 को 3 करोड रुपए की वित्तीय स्वीकृति जारी करवाई गई। साल 2015 में कॉलेज हेतु भूमि आवंटन करवाया गया। नवंबर 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व विधायक रावत द्वारा भवन निर्माण का शिलान्यास किया गया।
साल 2020 में पीडब्ल्यूडी से कॉलेज प्रशासन को कॉलेज भवन का टेकओवर करवाया गया साथ ही नए भवन परिसर में कॉलेज प्रशासन का कार्य प्रारंभ करवाया गया। जो विधायक रावत के अथक प्रयासों से ही सफल हो सका है।