जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के केन्द्र सरकार पर लगाये आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि राज्य की जनता को वैक्सीनेशन के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है।
डा. पूनियां ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के भ्रम के कारण राजस्थान के नौजवानों का जीवन खतरे में पड़ गया है। गहलोत ने कहा था 18 से अधिक आयु के नौजवानों को राज्य सरकार निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराएगी और इसके लिए एक पब्लिक अकाउंट भी जारी किया गया, जिसमें प्रदेश के विधायकों के कोष के तीन-तीन करोड़ रुपए, कुल 600 करोड़ रुपए प्राप्त किए गए।
उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को भ्रमित करने के लिए मुख्यमंत्री ने ग्लोबल टेंडर के लिए बड़ी बड़ी बातें की। जो वैक्सीन केन्द्र सरकार से मिली उसकी कद्र नहीं की गई, उसे कचरे के ढेर में फेंक दिया गया, कचरा पात्र में वैक्सीन की वायल मिलना, यह हकीकत और आंख खोलने वाली सच्चाई है, इस तरीके की लापरवाही से यदि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मुकरते हैं तो वह जनता की अदालत में सबसे बड़े दोषी हैं।
डॉ. पूनियां ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन और रेमडेसिवर इंजेक्शन के असंतुलित वितरण के कारण कोरोना का कुप्रबंधन हुआ और जिसके कारण राज्य में अफरा-तफरी का माहौल रहा। नौजवान अस्पताल के दरवाजे पर दम तोड़ते रहे और मुख्यमंत्री व उनके मंत्री सियासत करते रहे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता कोरोना कुप्रबंधन को लेकर गहलोत से जवाब मांगेगी और वह माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रीजी कचरे के ढेर में वैक्सीन को देखकर राजस्थान का नौजवान आपसे पूछता है कि हमारी वैक्सीन कचरे में क्यों फेंकी? आपके पास सिर्फ कुतर्क और व्यर्थ के मुद्दे हैं, कोरोना प्रबंधन में आप पूरी तरह असफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य मंत्री पर मेहरबान होने के बजाय इस मामले की ऑडिट कराई जानी चाहिए।