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Cm gehlot told that when he wanted his son to contest from jalore - Sabguru News
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सीएम ने बताया कि वह कब वैभव गहलोत को जालोर से लड़वाना चाहते थे चुनाव

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सीएम ने बताया कि वह कब वैभव गहलोत को जालोर से लड़वाना चाहते थे चुनाव
सिरोही के निकट बामनवाडज़ी में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में सिरोही कांग्रेस के बागी विधायक संयम लोढ़ा से बात करते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत।
सिरोही के निकट बामनवाडज़ी में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में सिरोही कांग्रेस के बागी विधायक संयम लोढ़ा से बात करते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत।
सिरोही के निकट बामनवाडज़ी में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में सिरोही कांग्रेस के बागी विधायक संयम लोढ़ा से बात करते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र के अपने दौरे के दौरान सिरोही के बामणवाडज़ी में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में बताया कि वह कब वैभव गहलोत को जालोर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़वाना चाहते थे।

बामणवाड़ जी में कई नेताओं ने मंच से अपने भाषण में वैभव गहलोत को जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़वाने को कहा। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बात का खुलासा किया कि जालोर-सिरोही लोकसभा सीट से पिछला लोकसभा इलेक्शन भी कांग्रेस हार गई थी, लेकिन वह तब भी वैभव गहलोत को इस लोकसभा सीट से चुनाव लड़वाना चाहते थे।

उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र की अपनी स्थानीय परिस्थिति और जाति समीकरण होते हैं, इस कारण वैभव को टिकिट नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि यदि हाईकमान का निर्देश होता है तो वह यहां से चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन हाईकमान की ओर से टिकिट नहीं मिला तो भी जिसे टिकिट मिलता है उसे वैभव मानकर इस सीट पर जी जान लगाकर कांग्रेस को जिताना है।
-बागी से निकटता किस बात का इशारा!
तमाम कयासों के विपरीत शनिवार को बामनवाड़ जी में आयोजिक कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में मंच पर मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस के बागी संयम लोढ़ा की मौजूदगी ने सबको चौंकाया। सिरोही में कांग्रेस के बागी विधायक संयम लोढ़ा इस कार्यकर्ता सम्मेलन के मंच पर प्रथम पंक्ति में नजर आए। यही नहीं मुख्यमंत्री की मौजूदगी में भाषण देने वाले जिले के चार नेताओं में से एक वो थे।

लोढ़ा की मंच पर मौजूदगी को गहलोत ने पार्टी के सौहार्द पूर्ण माहौल का उदाहरण देने के लिए कुछ इस तरह से अपने भाषण में जस्टीफाई किया। गहलोत ने कहा कि संयम लोढ़ा जिन कारणों से खडे हुए, उनकी चर्चा मैं मंच पर नहीं कर सकता। उन्होंने आगे कहा कि ये देखिए कि जिलाध्यक्ष और सभी यह कहने लगे कि संयम लोढ़ा जी को यहां बैठना चाहिए और वो यहां मौजूद हैं। इतना ही नहीं पावापुरी के बाद बामनवाड़ जी में भी संयम लोढ़ा उन्ही की गाड़ी में बैठकर मंच से हेलीपैड तक गए।

मंच पर लोढ़ा की मौजूदगी के दौरान सिरोही के ही वो नेता भी मौजूद थे जिन्होंने विधानसभा चुनावों से पहले सिरोही और शिवगंज में आयोजित कांग्रेस की सभाओं में कहा था कि अशोक गहलोत ने यह संदेश देकर भेजा है कि वह लोगों को बताएं कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर उन्हें पार्टी में अपने साथ नहीं आने दिया जाएगा न ही साथ रखा जाएगा।

इसके विपरीत लोढ़ा उन्हीं की मौजदूगी में कांग्रेस के मंच पर उन्हीं गहलोत के साथ बैठे दिखे जिनका संदेश देने का वो दावा कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि दलबदल कानून के तहत लोढ़ा निर्दलीय विधायक के रूप में कांग्रेस की सरकार को समर्थन तो सकते हैं, लेकिन वह कांग्रेस की आधिकारिक सदस्यता नहीं ले सकते। ऐसे में कांग्रेस के मंच पर लोढ़ा की मौजूदगी ने लोढ़ा समर्थक कांग्रेसियों में आशा का संचार किया है।

सिरोही के निकट बामनवाडज़ी में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में मंच की ओर जाने से रोकने पर सुरक्षा कर्मियों से बात करते पूर्व जिला प्रमुख अनाराम बोराणा।
सिरोही के निकट बामनवाडज़ी में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में मंच की ओर जाने से रोकने पर सुरक्षा कर्मियों से बात करते पूर्व जिला प्रमुख अनाराम बोराणा।

-पूर्व जिला प्रमुख हुए गुस्सा
मुख्यमंत्री के आने के दौरान प्रोटोकॉल मुख्यमंत्री कार्यालय और उनकी सुरक्षा में लगे अधिकारी करते हैं। ऐसे में संबधित जिले के जिलाध्यक्षों से मुख्यमंत्री के आने के दौरान हैलीपैड या हवाई पट्टी पर जाने वालों की सूची ली जाती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आगमन के समय भी ऐसा हुआ।

प्रशासन को जिला कांग्रेस की तरफ से 19 लोगों की सूची दी गई। इसमें सिरोही के पूर्व जिला प्रमुख अनाराम बोराणा का नाम शामिल नहीं था। इस पर जिला कलक्टर व एसपी ने उन्हें हेलीपेड के द्वार पर तथा सीएम सुरक्षा में लगे अधिकारियों ने उन्हें मंच पर चढऩे से रोक दिया।

हैलीपैड पर उनकी जिला कलक्टर व एसपी से बहस भी हो गई। इसमें गुस्से में वह यह तक बोल गए कि 71 हजार वोटों से हारा हुआ व्यक्ति यह तय करेगा क्या कि हैलीपैड और मंच पर कौन जाएगा। बाद में वह मंच पर भी दिखे। मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान उन्हें माला पहनाते समय उन्होंने यह बात मुख्यमंत्री को बताई भी।
-मुख्यमंत्री बोले दो महीने न्यूज चैनल मत देखिए
अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया समुहों पर भी चुटिकियां ली। मोदी सरकार द्वारा संवैधानिक संस्थानों का गला घोटने और आलोचना करने वालों को निशाना बनाने की नीति पर व्यंग्य करते हुए उन्होंने कहा कि यहां तो मीडिया वाले कैमरा लगाए हुए हैं इनके मालिक भी दबाव में हैं।

उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यह लोग यहां पर कैमरा लगाकर पूरा कवरेज कर रहे हैं। लेकिन, यह कवरेज प्रसारित या प्रकाशित होगा या नहीं होगा यह जयपुर, दिल्ली और नोयडा में इनके मालिक देखेंगे। उन्होंने कहा कि वह पहले देखेंगे की अशोक गहलोत में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ क्या-क्यो बोला है।

इसके बाद इस कवरेज को हटा दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के न्यूज चैनलों पर सिर्फ दो ही चेहरे दिखाए जा रहे हैं एक मोदी का दूसरा शाह का। उन्होंने एक एंकर का हवाला देते हुए कहा कि आप लोग दो महीने न्यूज चैनल देखना छोड़ दें अपने आप ही जनहितैषी सरकार चुन लेंगे।