भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि पुलिस अधिकारी इतने अधिकार संपन्न हैं कि वे वंचितों को न्याय दिला सकते हैं। अच्छा पुलिस अधिकारी अच्छा न्याय दाता भी होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई सरकार पुलिस का मनोबल हमेशा ऊँचा रखने और पुलिस की सुविधाएँ बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
कमलनाथ आज यहां पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिरीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता, बराबरी और न्याय, प्रजातंत्र के तीन मुख्य स्तंभ है। स्वतंत्रता और बराबरी की सीमाएँ हैं, लेकिन न्याय असीमित है। यह जरूरी नहीं कि न्याय हमेशा अदालत से ही मिले। अच्छी सोच के साथ भी न्याय दिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था के माध्यम से सबसे गरीब और कमजोर वर्गों की सुरक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अन्य संस्थाओं के साथ पुलिस संस्था की गरिमा बनी रहना चाहिए क्योंकि यह गरिमा संविधान से मिलती हैं। संविधान को शक्ति प्रजातंत्र से मिलती है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन को नई सरकार की कार्य-संस्कृति और सोच से परिचित होकर उसे अपनाना होगा। कानून-व्यवस्था सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी कानून-व्यवस्था का चेहरा है। लोगों को अपनी रक्षा-सुरक्षा के लिए पुलिस अधिकारियों से अपेक्षा होती है। इसलिये हमेशा लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि गरीबों को न्याय की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। पुलिस बल को कमजोर वर्गों के हित में काम करना चाहिए। पीड़ित व्यक्ति पुलिस की ओर न्याय के लिए देखता है, इसे अच्छी तरह समझना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन भी विविधता में एकता की प्रतिनिधि संस्था है। अलग-अलग समाज, जाति, धर्म के पुलिस ऑफिसर हैं लेकिन सभी कानून से बंधकर लोगों के हित में काम करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध का परिदृश्य टेक्नोलॉजी के परिवर्तन के साथ ही बदल रहा है। पुलिस अधिकारियों को भी इस परिवर्तन के साथ चलना होगा। उन्होंने कहा कि अपेक्षित परिणामों के लिए पुलिस को एक टीम के रूप में काम करना होगा।