कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार की रात सभी लोगों से बिना किसी देरी के रोगियों को सामान्य स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की अपील की।
बनर्जी ने अपने सोशल नेटवर्किंग साइट पर पोस्ट किया कि तीन दिन पहले एनआरएस अस्पताल में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। मैंने अपनी सहकर्मी एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्जी को घायल डॉक्टर से मिलने और आंदोलन करने वाले जूनियर डॉक्टरों के एक वर्ग से बात करने भेजा।
उन्होंने हड़ताली डॉक्टरों से आंदोलन वापस लेने का अनुरोध किया क्योंकि लोगों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पर रही है। कैंसर के मरीज, किडनी के मरीज, दुर्घटना के शिकार और यहां तक कि दूर से आने वाले बच्चे भी इलाज नहीं मिलने की परेशानियों का सामना कर रहे है।
तृणमूल कांग्रेस की नेता ने कहा कि मैंने जूनियर डॉक्टरों से बात करने के लिए कोलकाता के पुलिस आयुक्त को भेजा। पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और अदालत से उनकी जमानत की याचिका खारिज कर दी गई। हमारी सरकार ने घायल डॉक्टर का पूरा ध्यान रखा है। हम प्रार्थना करते हैं कि वह शीघ्र स्वथ्य हो जाए। मिली जानकारी के अनुसार घायल डॉक्टर की हालत स्थिर हैं और सुधार हो रहा है।
बनर्जी ने कहा कि उस दिन, एक व्यक्ति की मौत हो गई और इलाज में लापरवाही की शिकायत दर्ज कराई गई। सभी पक्षों के मुद्दों पर गौर करने के लिए एक जांच शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में हरसंभव कार्रवाई की है। हमारे अतिरिक्त प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य ने घायल डॉक्टर का दौरा किया और आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों के एक वर्ग से मुलाकात की और उनसे सेवाओं को फिर से शुरू करने की अपील की।
बनर्जी ने कहा कि हमारी सरकार पूर्ण सहयोग दे रही है और सभी आवश्यक कार्रवाई कर रही है। लेकिन इसके बावजूद, अन्य राजनीतिक दलों की ओर से उकसावे की खबरें आ रही हैं, जिसमें किसी काे फंसना नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज जब मैंने एसएसकेएम का दौरा किया, तो मैंने विभिन्न राजनीतिक दलों के बाहरी लोगों को अस्पताल के साइलेंस जोन में नारेबाजी करते हुए और आपातकालीन सेवाओं को बाधित करते हुए देखा। मरीज के परिजन रो रहे थे और आउटडोर सेवाएंं बंद थीं। मैंने कुछ मरीजों को तत्काल उपचार के लिए निजी अस्पतालों में भेजा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों की ओर से गलत सूचनाएं और अफवाहें फैलाई जा रही हैं जो पूरीतरह असत्य है। मैं वरिष्ठ डॉक्टरों और प्रोफेसरों की आभारी हूं जो लोगों को पूरी सेवाएं दे रहे हैं।
इससे पहले जूनियर डॉक्टर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चार घंटे में ड्यूटी पर लौटने अथवा एस्मा के तहत खामियाजा भुगतने के अल्टीमेटम को दरकिनार कर आंदोलन पर कायम रहे और कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा देने का निर्णय लिया। डॉक्टरों की गैरमौजूदगी के कारण एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में तीन मरीजों की मौत की सूचना है।
उत्तर बंगाल से मिली एक रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण पिछले 24 घंटों के दौरान 15 मरीजाें की मौत हो गई हालांकि इस आंकड़े की आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकी है।
एक अन्य रिपाेर्ट के मुताबिक उत्तर 24 परगना के कमरहाटी में सागर दत्ता मेमोरियल अस्पताल के आठ वरिष्ठ डॉक्टरों ने जूनियर सहयाेगियों के समर्थन में इस्तीफा देने का फैसला किया है।
हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों ने बताया कि उन्होंने सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा और काम के अनुकूल माहौल समेत पांच सूत्री मांगें रखी हैं। इन मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया है। डॉक्टरों ने सुश्री बनर्जी के इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि हड़ताल में कई बाहर वाले भी शामिल हैं।
इस बीच बनर्जी के रुख में भी नरमी आई है और उन्होंने वरिष्ठ डॉक्टरों तथा मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसरों को पत्र लिखकर राज्य भर के सभी मरीजों का खयाल रखने को कहा है। उन्हाेंने अपने पत्र में कहा कि सभी जिलों से इलाज के लिए अस्पताल आ रहे गरीब लोगों का समुचित इलाज होना चाहिए।
उन्हाेंने कहा कि कृपया सभी मरीजों का खयाल रखें, गरीब लोग सभी जिलों से आ रहे हैं। अगर आप सभी लोग अस्पतालों का पूरा ध्यान रखें तो मैं आभारी रहूंगी और सम्मानित महसूस करूंगी। अस्पतालों का कामकाज सुचारू और शांतिपूर्ण तरीके से चलना चाहिए।