शिमला । हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज कहा कि वन मंजूरी के कारण विकास की गति बाधित न हो यह सुनिश्चित करने के लिए गत वर्ष वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के कारण लंबित 103 और वन अधिकार अधिनियम के तहत एफआरए के कारण लंबित 454 मामलों को मंजूरी प्रदान की गई।
ठाकुर यहां एफसीए के लंबित मामलों को लेकर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग को एफसीए मामलों को प्राथमिकता से उठाना चाहिए जो चरण-2 पर हैं तथा जिनको स्वीकृति प्रदान करने के लिए न्यूनतम औपचारिकताओं की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कुल 103 एफसीए मामलों में से 44 सड़क परियोजनाओं के, 11 ट्रांसमिशन लाइनों के बारे में, 4 सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग से संबंधित, 14 जल विद्युत और शेष अन्य तीन मामले हैं।
ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से एफआरए के 1561 मामलों को आज तक मंजूरी प्रदान की गई है, जिसमें से 454 मामलों को पिछले वर्ष के दौरान मंजूरी दी गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने मौजूदा एफआरए नियमों के सरलीकरण का मुद्दा उठाया है, ताकि राज्य की विकास के गति में तेजी लाई जा सके। उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न एफसीए और एफआरए प्रस्तावों को व्यक्तिगत रूचि लेकर शीघ्रता से निपटाने के निर्देश दिए।