उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी सरकार अफसरों की लापरवाही और भ्रष्टाचार को लेकर पिछले ढाई साल से एक्शन में है।अब तक मुख्यमंत्री योगी उत्तर प्रदेश में 200 से अधिक पुलिस और अफसरों को रिटायर कर चुके हैं। अब प्रदेश सरकार ने 7 पीपीएस अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है। अधिकारियों को भ्रष्टाचार की वजह से हटाया गया है। सभी अफसर डिप्टी एसपी और सीईओ पद पर तैनात थे।
योगी सरकार ने कुछ अधिकारियों को बर्खास्त भी किया है। यहां हम आपको बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले ही प्रदेश के 25 हजार होमगार्डों को नौकरी से निकाल दिया गया था। इन दो वर्षों में योगी सरकार ने 400 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबन और डिमोशन जैसे दंड भी दिए हैं।
इतना ही नहीं, इस कार्रवाई के अलावा 150 से ज्यादा अधिकारी अब भी सरकार के रडार पर हैं। गृह विभाग में सबसे ज्यादा 51 लोगों को जबरन रिटायर किए गए थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुस्त कर्मचारियों और अधिकारियों को उम्र से पहले रिटायर करने का एलान जुलाई में किया था। सरकार ने 50 साल की उम्र में ही सुस्त अधिकारियों को रिटायरमेंट देने का फैसला किया था।
केंद्र की मोदी सरकार भी लापरवाह अफसरों कर रही है रिटायर
केंद्र की मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में लापरवाह अफसरों सचिव हो या विशेष सचिव सभी को लेकर गंभीर है।अभी कुछ दिनों पहले मोदी सरकार ने वित्त मंत्रालय से कई अफसरों को जबरन रिटायर किया था। ऐसे ही कई मंत्रालयों से लापरवाह अफसरों को हटाया जा चुका है। केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले तीन साल में कई अधिकारियों को कंपलसरी रिटायरमेंट दिया है। करीब आधा दर्जन आईएएस अधिकारियों को केंद्र सरकार रिटायरमेंट दे चुकी है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार