लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बढ़ते वायु प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए इसे बढ़ाने वाले कारकों पर अंकुश लगाने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
सरकारी प्रवक्ता ने अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यहां राज्य में वायु प्रदूषण की स्थिति एवं इसके निवारण के लिएकिए जा रहे उपायों की समीक्षा की। इस अवसर पर देर शाम यहां आयोजित एक वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने वायु प्रदूषण की खराब स्थिति वाले मण्डलों के मण्डलायुक्तों तथा जिलों के जिलाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों जैसे पराली जलाना, कूड़ा जलाना, निर्माण कार्यों से होने वाले वायु प्रदूषण, विद्युत आपूर्ति के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जनरेटरों के प्रयोग से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने वायु प्रदूषण के निवारण के लिए परिवहन, टैफिक, गृह, नगर विकास, राजकीय निर्माण, खनन, फायर सेफ्टी, शिक्षा, कृषि, खाद्य एवं रसद विभागों के साथ-साथ आवास विकास परिषद, यूपीपीसीएल, सीएनजी आपूर्तिकर्ता कम्पनियों, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एनएचएआई सहित जिला प्रशासन को वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी उपाय करने के निर्देश दिए।
योगी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि शहरों में कूड़े का उचित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए और इसे आग लगाकर निस्तारित करने पर पूरी तरह से रोक लगायी जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायत मिलने पर सम्बन्धित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने निर्माणाधीन इकाइयों द्वारा वायु प्रदूषण रोकने के लिए सभी निर्धारित मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कृषि विभाग को निर्देश दिए कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसान प्रदेश में कहीं भी पराली न जलाएं। उन्होंने इस सम्बन्ध में किसानों को जागरूक करने के लिए एक अभियान चलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने किसानों को खेतों में पराली जलाने से जमीन की उत्पादकता पर पड़ने वाले कुप्रभाव से भी किसानों को जानकारी देने के निर्देश दिए। उन्होंने पराली को कम्पोस्ट में तब्दील करने की सम्भावनाओं को तलाशने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी हाल में कूड़ा जलाने की घटना न हो। उन्होंने कूड़ा जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कूड़े का उचित निस्तारण करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने नगर विकास विभाग द्वारा वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी ली और कहा कि सड़क निर्माण की गतिविधि को अभी कम किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि धूल तथा बिटुमिन से होने वाले प्रदूषण पर पूरी तरह से लगाम लगायी जाए। उन्होंने यूपीपीसीएल को डीजी सेट के कारण होने वाले प्रदूषण को रोकने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बागपत, हापुड़, मेरठ, बुलन्दशहर, कानपुर, लखनऊ तथा वाराणसी के जिलाधिकारियों से उनके द्वारा अपने-अपने जिलों में वायु प्रदूषण की स्थिति के निवारण के लिए उठाए गए कदमों के विषय में जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
उन्होंने सभी मण्डलायुक्तों को अपने-अपने मण्डलों के जिलो में वायु प्रदूषण की स्थिति, पराली तथा कूड़ा जलाने की घटनाओं की दैनिक समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं पर हर हाल में लगाम लगायी जाए। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जन-जागरूकता अभियान भी चलाया जाए।
मुख्यंमत्री ने नगरीय क्षेत्रों में नगर निकायों तथा प्राधिकरणों को जल छिड़काव कर धूल से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के निर्देश दिए। उन्होंने वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों के विषय में मीडिया को नियमित रूप से ब्रीफ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी जनपद प्रदूषण रोकने और वायु की स्थिति को सुधारने के लिए सारे प्रयास करें।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय प्रदेश के विभिन्न जिलों से डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। अतः इसकी रोकथाम के लिए लोगों को पूरी तरह से जागरूक किया जाए और प्रभावित क्षेत्रों में छिड़काव सुनिश्चित किया जाए। डेंगू से बचाव के लिए पूर्व में संचारी रोगों की रोकथाम के सम्बन्ध में चलाए गए अभियान की तर्ज पर पुनः अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि डेंगू पर नियंत्रण पाने के लिए जिलाधिकारी तथा सीएमओ बैठक कर आवश्यक कदम उठाएं।
योगी ने सभी जिलाधिकारियों को रैन बसेरे सक्रिय करने के निर्देश देते हुए कहा कि वे अपने-अपने जिलों में यह भी सुनिश्चित करें कि मजदूर तथा अन्य लोग फुटपाथ पर न सोएं। इन्हें रैन बसेरों में भेजा जाए। साथ ही, रैन बसेरे में रखने से पूर्व इनकी पहचान सुनिश्चित कर ली जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों में धान क्रय केन्द्रों के संचालन की गहन समीक्षा करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को क्रय केन्द्रों पर धान बेचने में कोई समस्या नहीं आनी चाहिए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण कल्पना अवस्थी ने उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण की स्थिति एवं निवारण के लिए किए जा रहे उपायों के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण भी दिया।
बैठक में मुख्य सचिव आर के तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव ऊर्जाआलोक कुमार, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव परिवहन अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।