लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निराश्रित गोवंश और आवारा पशुओं की समस्या से जनता और किसानों को राहत दिलाने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
सरकारी प्रवक्ता ने यहां बताया कि योगी ने बुधवार देर शाम इस संबंध में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि जिले में निराश्रित गोवंश और आवारा पशुओं को 10 जनवरी तक गो-संरक्षण केन्द्रों में पहुंचाया जाये,जिससे जनता और किसानों को राहत दिलाई जा सके। उन्होंने अधिकारियों को कांजी हाउस का नाम बदलकर गो-संरक्षण केन्द्र रखने के निर्देश देते हुए कहा कि उन केन्द्रों में पशुओं के चारे, पानी और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि पशुओं को ऐसी जगह रखा जाये जहां पर चहारदीवारी न हो, वहां पर फेन्सिंग की व्यवस्था की जाए। साथ ही, केयरटेकर भी तैनात किए जाएं, जो इनकी देखरेख करें। उन्होंने कहा कि आवारा पशुओं के मालिकों का पता लगाकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यदि कोई व्यक्ति गो-संरक्षण केन्द्र से अपने पशु को छुड़ाने के लिए आए, तो उससे आर्थिक दण्ड वसूला जाए। उन्होंने कहा कि इस जनसमस्या का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करना होगा।
योगी ने कहा कि निराश्रित और आवारा पशु जहां नगरीय क्षेत्रों में मार्ग दुर्घटनाओं का कारक बनते हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ये फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे किसान परेशान होता है और कानून-व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति भी अक्सर उत्पन्न हो जाती है। अतः इस समस्या का त्वरित और प्रभावी समाधान सभी जिलाधिकारी सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गो-संरक्षण केन्द्र के संचालन में जनता, जनप्रतिनिधि तथा व्यापारियों का सहयोग सुनिश्चित करें। इससे इनके संचालन में काफी सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि पशु पालकों को अपने-अपने पशुओं को बांधकर रखने के लिए प्रेरित किया जाए और जब वे चरने के लिए खोले जाएं, तो उन्हें चरागाह की तरफ ही ले जाया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी गो-संरक्षण केन्द्रों में गोवंश का रख-रखाव भली-भांति हो।
योगी ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व तनाव की स्थिति पैदा करने के उद्देश्य से निराश्रित और आवारा पशुओं को सरकारी भवनों, स्कूलों इत्यादि में बन्द करने की चेष्टा करते हैं। उन्होंने ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह एक कृत्रिम और समाज पर थोपी गई समस्या है। इसका प्रभावी समाधान सुनिश्चित करना होगा।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान श्री योगी ने नगर विकास विभाग द्वारा नगर निकायों में कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के तहत पशु पालन विभाग ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र की 8 पंजीकृत गौशालाओं के सुदृढ़ीकरण के अलावा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 7 जिलो में पशु आश्रय स्थल की स्थापना की प्रगति, बुन्देलखण्ड के सात जिलो को छोड़कर शेष 68 जिलो में वृहद गो-संरक्षण केन्द्रों की स्थापना की प्रगति, प्रदेश में पंजीकृत गौशालाओं को भरण-पोषण अनुदान योजना के विषय में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने पंचायती राज विभाग द्वारा प्रदेश में जिला पंचायतों द्वारा कांजी हाउसों के निर्माण/पुनर्निर्माण की स्थिति के विषय में भी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासनादेश के माध्यम से उत्तर प्रदेश के समस्त ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकायों (यथा-ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगमों) में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना व संचालन नीति का प्रख्यापन हो गया है। आदेश के तहत, ब्लाॅक, तहसील, जनपद, मण्डल तथा राज्य स्तर पर अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों की स्थापना, क्रियान्वयन, संचालन एवं प्रबन्धन के लिए समितियों का गठन किया गया है, जो इस कार्य का अनुश्रवण करेंगी।
उन्होंने कहा कि इन समितियों का दायित्व गोचर भूमि का प्रबन्धन, ग्रामवासियों के सहयोग से गोवंश को आश्रय में लाए जाने की व्यवस्था करना, संरक्षित गोवंश के लिए चारा-दाना, पीने के पानी की व्यवस्था करना, संरक्षित गोवंश की समुचित चिकित्सा व्यवस्था, अन्य पशुपालन सम्बन्धित कार्याें को पूर्णतः निःशुल्क (लेवी से मुक्त) कराया जाना होगा।
तहसील स्तर पर गठित समिति, विकास खण्ड स्तरीय समिति द्वारा किए गए कार्याें की समीक्षा करेगी तथा कठिनाइयों का निराकरण करेगी। जिला स्तरीय समिति विकास खण्ड तथा तहसील स्तर की समितियों के कार्याें की समीक्षा करेगी तथा अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों के लिए वित्तीय प्रबन्धन भी करेगी। इसी प्रकार, मण्डल स्तरीय समिति जिला स्तरीय द्वारा किए गए कार्याें की समीक्षा करेगी तथा समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करेगी। अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों के वित्तीय प्रबन्धन की भी व्यवस्था करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समस्त सम्बन्धित विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव एवं निदेशक के साथ तीन महीने में एक बार बैठक करेगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को इस शासनादेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि नागर निकायों में कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 में 60 करोड़ रुपये तथा वित्तीय 2018-19 में निर्माण के लिए 95 करोड़ रुपये तथा भूसे, चारे आदि के लिए 23.5 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट द्वारा की गई। उन्होंने कहा कि इस धनराशि का शीघ्रता से इसके उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाए।
योगी ने सभी जिलाधिकारियों को गो-संरक्षण कार्य में रुचि लेते हुए अभियानपूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश और आवारा पशुओं की समस्या से हर हाल में 10 जनवरी तक निजात पाने के लक्ष्य को हासिल किया जाए।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने ललितपुर, फिरोजाबाद, लखनऊ तथा महराजगंज के जिलाधिकारियों से गौ-संरक्षण केन्द्रों की स्थापना तथा निराश्रित गोवंश और आवारा पशुओं की समस्या के सम्बन्ध में उनके द्वारा की जा रही कार्रवाई की जानकारी ली। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निराश्रित गौवंश और आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
इस दौरान मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज राजेन्द्र कुमार तिवारी, प्रमुख सचिव पशुधन सुधीर बोबडे, प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, नगर विकास सचिव अनुराग यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।