Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Cm Yogi involved in victory procession in Gorakhpur - गोरखपुर में विजय जुलूस में शामिल होंगे योगी आदित्यनाथ - Sabguru News
होम UP Gorakhpur गोरखपुर में विजय जुलूस में शामिल होंगे योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर में विजय जुलूस में शामिल होंगे योगी आदित्यनाथ

0
गोरखपुर में विजय जुलूस में शामिल होंगे योगी आदित्यनाथ
Cm Yogi involved in victory procession in Gorakhpur
Cm Yogi involved in victory procession in Gorakhpur
Cm Yogi involved in victory procession in Gorakhpur

गोरखपुर । उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के गोरखपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ धार्मिक अनुष्ठान के बाद शुक्रवार को विजयदशमी के अवसर पर विजय जुलूस में शामिल होंगे।

गोरखनाथ मंदिर में विजयदशमी का पर्व गोरक्षपीठ और गोरखनाथ मंदिर के संयोजन के बगैर अधूरा माना जाता है। मंदिर में होने वाले धार्मिक अनुष्ठान और अस्त्र-शस्त्र की पूजा के बाद यहां विजयदशमी के अवसर पर भव्य विजय जुलूस निकाला जाता है। विजय जुलूस का नेतृत्व गोरखपीठाधीश्वर करते है।

योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी गोरखपीठाधीश्वर है। सुबह पूजा के बाद शाम को परंपरागत रूप से अस्त्र-शस्त्र के साथ निकलने वाले गोरक्षपीठाधीश्वर के भव्य जूलूस का हर कोई हिस्सा बनना चाहता है। विजयदशमी पर गोरखनाथ मंदिर में आनुष्ठानिक कार्यक्रम सुबह से शुरू हो जाते हैं।

इसकी शुरूआत गोरक्षपीठाधीश्वर आवास में स्थापित शक्तिपीठ में सुबह नौ बजे के करीब पूजा-अर्चना से होती है जिसमें मंदिर के सभी साधू-संत मौजूद रहते हैं। इसके बाद शंख, घंटा-घडियाल की गूंज के बीच पीठाधीश्वर साधू-संतो के साथ गुरू गोरक्षनाथ के दरबार मे पहुंचते हैं और वहां गुरू के सामने वैदिक मंत्रोंचार के बीच पूरे विधिविधान से अस्त्र-शस्त्र की पूजा होती है। इसके बाद शुरू होता है परिसर में मौजूद देवी-देवताओं की प्रतिमाओं और नाथ पंथ के संतों की समाधि स्थल पर भोग लगाने का सिलसिला।

गोरक्षपीठाधीश्वर साधू-संतो के साथ स्वयं हर स्थल पर पहुंचते हैं और भोग लगाने की आनुष्ठानिक प्रक्रिया सम्पन्न करते हैं।मंदिर के तिलक हाल में भक्तगण गोरक्षपीठाधीश्वर को तिलक लगाते हैं और उनके हाथो से प्रसाद लेकर आर्शीबाद प्राप्त करते हैं। यह क्रम करीब दो घंटे तक चलता है।

उसके बाद गोरक्षपीठाधीश्वर विजय रथ पर सवार होते हैं और विजय जुलूस निकलता है। मंदिर के अस्त्र शस्त्र के साथ अखाडे के युवाओं द्वारा दिखाया जा रहा करतब जुलूस का आकर्षण होता है। शाही रूप में निकलने वाला यह विजस जुलूस मानसरोवर मंदिर पहुंचता है और जहां गोरक्षपीठाधीश्वर शक्ति की आराधना करते हैं।

गोरक्षपीठाधीश्वर आराधना के बाद गारक्षपीठाधीश्वर रामलीला मैदान में पहुंचकर भगवान श्री राम का राजतिलक करते हैं। पीठाधीश्वर द्वारा विजयदशमी पर दिये गये प्रेरणादायी संदेश के बाद विजय जुलूस वापस मंदिर आता है जहां सहभोज का आयोजन होता है। इसमें किसी भेद-भाव के हजारों लोग हिस्सा लेते हैं और यह समतामूलक समाज का निर्माण सहभोज का मुख्य उद्देश्य होता है।

मंदिर के सचिव द्वारका तिवारी ने बताया कि विजयदशमी के परंपरागत आयोजन को लेकर मंदिर प्रबंधन द्वारा तैयारी पूरी कर ली गयी है। उन्होंने कहा कि परपंरागत विजय जुलूस की भव्यता बरकरार रहे इसके लिए सबकी जिम्मेदारी तय कर दी गयी है। यह आयोजन कितना महत्वपूर्ण है इस बात से समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने शासकीय व्यस्तता के बावजूद पिछली बार भी इसमें शामिल हुए थेे और इस बार भी मौजूद रहेंगे।