नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोयला घोटालों के आराेपो से घिरी तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी की मनी लॉड्रिंग के एक मामले में दिल्ली निचली अदालत में व्यक्तिगत पेशी की छूट की अर्जी सोमवार को स्वीकार कर ली। मंगलवार को उन्हें अब अदालत में पेश नहीं होना पड़ेगा।
न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद श्रीमती बनर्जी को राहत देते हुए उन्हें अस्थायी तौर पर व्यक्तिगत पेशी से छूट प्रदान कर दी। बनर्जी को निचली अदालत ने समन जारी कर 12 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया गया था। इस बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवायी के दौरान कहा कि बनर्जी को अस्थायी तौर पर व्यक्तिगत पेशी से छूट दी जा सकती है। बनर्जी की ओर पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने निचली अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट प्रदान करने की उच्च न्यायालय के समक्ष गुहार लगाई थी।
उच्च न्यायालय बनर्जी एवं उनकी पत्नी की ईडी की शिकायत और इस संबंध में जारी समन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर 29 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।