सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही भाजपा ठंड से सिकुड़ गई है और सिकुड़ी भी हल्की फुल्की नहीं इतनी ज्यादा सिकुड़ गई कि पंद्रह करोड़ सदस्य संख्या वाली पार्टी को विरोध करने के लिए पंद्रह लोग जुटाने भी भारी पड़ गए। यह हालात मंगलवार को प्रदेश भाजपा के पंचायत स्तर पर कांग्रेस के खिलाफ 365 मीटर मार्च था। इस मार्च से पहले तो मार्च के लिए कार्यकर्ता जुटाने में भाजपा हांफ गई। अभी तो कांग्रेस के 1460 दिन और बाकी हैं।
प्रदेश के आदेशानुसार प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर मंगलवार को भाजपा को 365 कदम मार्च करना था। इस मार्च का मूल मकसद प्रदेश की कांग्रेस सरकार के 365 दिन की 365 विफलता गिनाना था। सिरोही जिले की सिरोही पंचायत समिति का यह कार्यक्रम जिला मुख्यालय पर हुआ। एकत्रितकरण का समय 10 बजे का माना गया था, लेकिन 12 बजे तक सिरोही पंचायत समिति में पडऩे वाले भाजपा के कालंद्री और जावाल ग्रामीण मंडल के पदाधिकारी और अन्य कार्यकर्ता तक एकत्रित नहीं हो पाए।
मूल संगठन ही क्या इन मंडलों के मोर्चों के भी प्रतिनिधि नहीं पहुंचे। मार्च के प्रभारी दिलीपसिंह मांडाणी समय पर आ गए। इसके बाद लोगों को फोन भी करते रहे। कालंद्री मंडल के अध्यक्ष हीदाराम माली समेत दो और लोगों को छोड़ दें तो मार्च के लिए कुल जमा 18 लोग एकत्रित हो पाए। शेष सभी सिरोही शहर के थे।
जावाल मंडल के तो बड़े पदाधिकारी का चेहरा देखने को तरस गए। अंततोगत्वा जितने लोग एकत्रित हुए उन्हीं के साथ मार्च शुरू किया गया। उपखण्ड अधिकारी हंसमुख कुमार को ज्ञापन सौंपकर मार्च की औपचारिकता निभाई गई। मार्च प्रभारी इसके लिए तेज सर्दी और खेती का समय होने की बात कहकर अपने संगठन की पैरवी तो करते नजर आए, लेकिन उनके ये प्रयास भी ये बात नहीं छिपा पाए कि भाजपा की अंदरूनी कलह और सत्तासुख भोग चुके कार्यकर्ता विपक्ष में बिल्कुल नकारा साबित होने वाले हैं।
संगठन की ओवर आयलिंग की बात प्रभारी कहते नजर आए। मार्च में सिरोही प्रधान प्रज्ञा कंवर, पार्षद अरूण ओझा, नगर अध्यक्ष महिपालसिंह, जिला प्रवक्ता चिराग रावल, कालन्द्री मंडल अध्यक्ष हीदराम माली, हार्दिक देवासी समेत करीब डेढ़ दर्जन भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल थे।
-विवाद है जो थम नहीं रहा
भाजपा की सबसे पहली कलह मंडलों में बदलाव की रीको की बैठक से सामने आई। यह कुछ कम था कि भाजपा के एक पदाधिकारी को स्थानीय विधायक में सिरोही का तारणहार नजर आने लगा और वो नगर परिषद चुनाव की उनकी सभा में ही नाचने लगे। फिर संगठन चुनाव के दौरान आए चुनाव प्रभारी के सामने भाजपाइयों को गुस्सा फूटा।
इसके बाद तमाम कोशिशों के बाद सोमवार को अशोक पुरोहित के घर पर जिला बैठक की गई तो उसमें भी हंगामा और असंतोष हो गया। कुल मिलाकर सिरोही भाजपा कांग्रेस की बीमारी से ग्रसिेत हो चुकी है और इसे अब बड़ी सर्जरी की जरूरत है।